स्कूलों को भेजी instruction

सीबीएसई की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक अब स्कूलों को एग्जाम के लिए भेजा जाने वाला ब्लू प्रिंट क्वेश्चन पेपर्स अब नहीं मिलेंगे। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से लिए गए फैसले में कहा गया है कि नाइंथ और टेंथ में बोर्ड की ओर से क्वेश्चंस मॉडल पेपर के सेट, मार्किंग स्कीम और ब्लू प्रिंट भेजे जाते थे जो अब नहीं दिए जाएंगे। इसके लिए बकायदा सीबीएसई की ओर से स्कूलों को इंस्ट्रक्शंस भेजे गए हैं।

खुद तैयार करने होंगे paper

रीजनल ऑफिसर्स की मानें तो सेमेटिव असेसमेंट-2 में बोर्ड की ओर से एग्जाम से रिलेटेड मटेरियल भेजता था। अब ऐसा नहीं होगा। स्कूल को ही अब इसके लिए मैटेरियल तैयार करना होगा। रीजनल ऑफिसर ने बताया कि असेसमेंट के लिए स्कूल को ही क्वेश्चन पेपर तैयार करने होंगे। ऑफिसर्स की मानें तो सीबीएसई से एफिलिऐटेड स्कूलों सिलेबस में से ही क्वेश्चंस पूछने की इजाजत है। वहीं उन्होंने बताया कि इससे स्कूलों को क्वेश्चंस पेपर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपने से सब्जेक्ट के प्रति उनकी गंभीरता बढ़ जाएगी।

Monitoring करेगा board

ऑफिसर्स की मानें तो भले ही क्वेश्चंस पेपर स्कूलों की ओर से तैयार किया जाए लेकिन उसकी मॉनिटरिंग बोर्ड ही करेगा। चैप्टर वाइज माक्र्स डिस्ट्रिब्यूशन सीबीएसई की ओर से ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों में बकायदा इसके लिए इंफॉर्मेंशन भेज दी जाएगी। टैगोर पब्लिक स्कूल के केमेस्ट्री सब्जेक्ट एक्सपर्ट संजय श्रीवास्तव ने कहा कि सीबीएसई के इस सिस्टम से सबसे ज्यादा फायदा ये रहेगा कि स्टूडेंट्स को आउट ऑफ कोर्स से सवाल नहीं पूछे जाएंगे।

स्कूल लेवल पर क्वेश्चन पेपर तैयार होने पर स्कूल क्रिएटिव लेवल पर क्वेश्चन पूछ सकता है। अपने स्कूल में ही जिस स्टैंडर्ड से पढ़ाई होगी उसी के हिसाब से क्वेश्चंस होने से स्टूडेंट्स बेहतर कर सकेंगे।

-अल्पना डे, प्रिंसिपल, गंगा गुरुकुलम स्कूल

सीबीएसई की ओर से क्वेश्चन पेपर आने पर टीचर्स सिलेबस पर ध्यान नहीं दे पाते थे। ऐसे में पुराने ट्रेड से ही स्टूडेंट्स की प्रिपरेशन हो पाती थी। ऐसे में टीचिंग में भी क्रिएटिविटी नहीं देखने को मिलती थी। ऐसे में अब खुद टीचर पूरे सिलेबस से पढ़ाएंगे ही साथ ही क्रिएटिविटी भी देखने को मिलेगी।

-वसुधा मसीह, डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन, वाईएमसीए