- इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को लेकर 10 नंबर का सवाल

- रैगिंग को लेकर भी स्टूडेंट्स से लिखवाया गया आर्टिकल

- एग्जाम के बदले पैटर्न ने किया स्टूडेंट को कनफ्यूज

Meerut सोमवार को सीबीएसई के फ‌र्स्ट एग्जाम ने स्टूडेंट्स को कनफ्यूजन में डाल दिया। कुछ सवाल ऐसे पूछे गए, जिन्हे देखकर स्टूडेंट्स चकरा गए। वहीं पैटर्न में बदलाव ने भी कंफ्यूजन को बढ़ा दिया। जहां दस नंबर का सवाल इलेक्ट्रनिक और प्रिंट मीडिया को लेकर था, वहीं रैगिंग को लेकर भी आर्टिकल लिखने दिया गया। यह दीगर है कि टीचर्स ने पेपर को अच्छा और नॉलेज बेस्ड बताया है।

सेलरी को लेकर सवाल

इंटर का पहला एग्जाम इंग्लिश का था। फ‌र्स्ट एग्जाम के चलते स्टूडेंट्स को थोड़ी टेंशन थी। इस बार एग्जाम में टीचर्स की सेलरी को लेकर भी एक प्रश्न दिया हुआ था। जिसमें लिखा था कि स्कूल्स में टीचर्स को दी जाने वाली सेलरी एक्चुअल सेलरी से बहुत कम होती है। इस पर एक आवाज बुलंद करते हुए किसी पेपर के एडिटर को लेटर लिखो। यह छह नंबर का लेटर लिखना था, जिसमें स्टूडेंट को एडिटर से आर्टिकल लिखने के लिए लिखना था।

मीडिया पर सवाल

इलेक्ट्रॉनिक एंड प्रिंट मीडिया पर आधारित दस नम्बर के डिबेट को लेकर स्टूडेंट में खासा कनफ्यूजन थी। जिसमें लिखा हुआ था कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने प्रिंट मीडिया को पीछे छोड़ दिया है इस पर अपनी सहमती व असहमति जताते हुए अपने विचारों में वर्णन करना था। एमपीजीएस की अनुपमा और आरती ने बताया कि यह क्वेश्चन थोड़ा सा कनफ्यूज करने वाला था, लेकिन जितना जानते थे हमने अपनी तरफ से लिख दिया था।

रैगिंग और मिड डे मिल

सीबीएसई ने आजकल कॉलेजों में बदलते माहौल को देखते हुए कॉलेजों में होने वाली रैगिंग को लेकर भी स्टूडेंट्स से सवाल किया। वहीं बेसिक एजुकेशन को बढ़ावा देने वाली गर्वमेंट की मीड डे मिल योजना को लेकर भी क्वेश्चन आया था। जिसमें मिड डे मील के खाने की गुणवत्ता व मिड डे मील के माध्यम से स्कूलों की तरफ स्टूडेंट को आकर्षित करने की योजना पर एक अंसीम पैसेज दिया हुआ था।

बदला हुआ था पैटर्न

इस बार पेपर का पैटर्न थोड़ा सा बदला हुआ था। ट्रांसलेम एकेडमी के इंग्लिश सब्जेक्ट की एचओडी उर्मिला कौर ने बताया कि अभी तक इंग्लिश के एग्जाम में ख्0 ही नम्बर के पैसेज आते थे। लेकिन इस बार टोटल फ्0 नम्बर के अंसीम पैसेज आए हैं। क्ख्,क्0 और आठ नम्बर के तीन पैसेज आए हैं। दस नम्बर के पैसेज को बढ़ाया गया है जिसके कारण स्टूडेंट को पेपर में थोड़ा कंफ्युजन हुआ है। जीटीबी की स्टूडेंट अकांक्षा ने बताया कि उसके काफी सारे दोस्तों का पेपर भी छूट गया है। पेपर थोड़ा सा लेंथी आया था और कुछ बदलाव भी था।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पेपर बहुत ही अच्छा था, स्कूल में भी पैटर्न के आधार पर प्रैक्टिस करवाई गई थी। नोलेज बेस पर आधारित पेपर था, जिसे स्टूडेंट्स ने बड़े अच्छे से सॉल्व किया होगा।

-रजनी खंदूजा

इंग्लिश टीचर केएल इंटरनेशनल

पेपर तो आसान था लेकिन थोड़ा लैंथी था और इसबार अंसीम पैसेज भी ख्0 नम्बर की जगह फ्0 नम्बर का आया था। यह कहा जा सकता है कि कुल मिलाकर नोलेजेबल पेपर आया था, इस पैटर्न की प्रैक्टिस स्कूल में कराई गई थी।

-उर्मिला कौर

एचओडी इंग्लिश, ट्रांसलेम

स्कूल में भी इस पैटर्न के आधार पर प्रैक्टिस करवाई गई थी। सीबीएसई का प्रयास है कि स्टूडेंट को किताबी ज्ञान तक नहीं बल्कि व्यवहारिक व रचनात्मक ज्ञान दिया जाए। इसी के आधार पर पेपर था, पेपर काफी आसान व अच्छा था।

-रोमा रंजन

एचओडी इंग्लिश, दीवान पब्लिक स्कूल

सीबीएसई हमेशा प्रयासरत रहता है कि स्टूडेंट्स को केवल किताबी ज्ञान नहीं बल्कि व्यवहारिक और रचनात्मक ज्ञान दिया जाए। इसीलिए एग्जाम में ट्रेडीशनल पेपर की जगह अप्लाइड पेपर दिए जाने लगे हैं। ट्वेल्थ बोर्ड के पहले पेपर में आए सवालों में सेक्शन बी से कई सवाल आए हैं जो राइटिंग स्किल्स से जुड़े हैं। इन सवालों के जरिए सोशल इश्यूज, करंट अफेयर्स आदि पर स्टूडेंट्स के व्यूज पूछे जाते हैं। ताकि उनके व्यवहारिक ज्ञान के साथ ही उनकी युवा पीढ़ी की मौजूदा मुद्दों को लेकर सोच की परख हो सके।

- मनोज श्रीवास्तव

डायरेक्टर, सीबीएसई देहरादून रीजन