-सीबीएसई ने डायबिटीज टाइप-1 स्टूडेंट्स को छूट

>BAREILLY : डायबिटीज टाइप-1 से पीडि़त स्टूडेंट्स नौ मार्च से स्टार्ट हो रहे सीबीएसई एग्जाम में स्नैक्स, फल और दवाएं साथ रख सकेंगे। ताकि, एग्जाम के दौरान डायबिटिक स्टूडेंट्स का शुगर लेवल मेंटेन रहे। सीबीएसई ने इस बाबत सर्कुलर भी जारी कर ि1दया है।

9 मार्च से एग्जाम स्टार्ट

सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के एग्जाम नौ मार्च से स्टार्ट हो रहे हैं। एग्जाम में 12वीं के 4996 और दसवीं के 1025 स्टूडेंट्स एग्जाम देंगे। बताते चलें कि अब तक सीबीएसई स्टूडेंट्स को एग्जाम के दौरान आईकार्ड, पेन, पेंसिल और पानी की बोतल के अलावा कुछ भी ले जाने की इजाजत नहीं देता था। जिस कारण डायबिटीज टाइप-1 से पीडि़त स्टूडेंट्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उन्हें तीन घंटे तक बगैर कुछ खाए एग्जाम देना होता था। इस वजह से कई बार शुगर लेवल लो हो जाता था, जिससे सिरदर्द और चक्कर जैसी प्रॉब्लम हो जाती है।

फल भी रख सकेंगे साथ

स्टूडेंट्स एग्जाम के दौरान स्नैक्स, फल, शुगर टैबलेट एग्जाम साथ में रख सकेंगे। हालांकि, इसके लिए स्टूडेंट्स को प्रिंसिपल से लिखवाकर लाना होगा कि वे डायबिटीज टाइप-1 से पीडि़त हैं।

सीबीएसई का लेटर मिल चुका है। सभी प्रिंसिपल्स को निर्देश दिया गया है कि वे डायबिटीज टाइप-1 से पीडि़त स्टूडेंट्स को इसकी जानकारी दे दें। ताकि, एग्जाम के दौरान वे स्नैक्स, टैबलेट, फल आदि ले जा सकें।

डॉ। आरसी धस्माना, सिटी को-ऑर्डीनेटर सीबीएसई

डायबिटीज टाइप-1 से पीडि़त मरीज के लंबे समय तक भूखे रहने पर शुगर लेवल मेंटेन नहीं रह पाता है, जिससे मरीज को चक्कर और सिर दर्द आदि समस्याएं होने लगती हैं।

डॉ। रवीश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष आईएमए