11 लाख स्टूडेंट्स देंगे एग्जाम

इंजीनियरिंग और मेडिकल एग्जाम की प्रिपरेशन करानेवाली क्षितिज टेक्नोप्वाइंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर पी चटर्जी के मुताबिक,  सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा अगले साल एक मार्च और झारखंड बोर्ड की 10 वीं और 12वीं के एग्जाम 21 फरवरी से शुरु होगी। सीबीएसई और झारखंड बोर्ड के इन दोनों एग्जाम्स में स्टेट के करीब 11 लाख स्टूडेंट्स बैठेंगे। इसमें सीबीएसई बोर्ड के जहां करीब चार लाख एग्जामिनीज हैैं, वहीं झारखंड बोर्ड के एग्जामिनीज की संख्या भी करीब सात लाख है।

भरे जा रहे हैैं एग्जाम फॉर्म  
झारखंड एकेडमिक कौंसिल की मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के लिए बिना फाइन के फार्म जमा करने की लास्ट डेट सात दिसंबर तक है। इसके बाद 250 रुपए लेट फी के साथ 15 दिसंबर तक स्टूडेंट्स फॉर्म सबमिट कर सकते हैैं। क्षितिज टेक्नोप्वाइंट के डायरेक्टर बताते हैैं कि मैट्रिक की परीक्षा जहां फस्र्ट सेशन में होगी, वहीं सेकेंड सेशन में इंटरमीडिएट के एग्जाम होंगे। हालांकि, दोनों एग्जाम्स के लिए रुटीन अभी जारी नहीं किए गए हैैं।

प्लानिंग बनाकर करें प्रिपरेशन
टीचर महेश राम बताते हैैं कि कुछ स्टूडेंट्स में एग्जाम को लेकर डर पैदा हो जाता है। वे डरे-सहमे रहकर एग्जाम की प्रिपरेशन करते हैैं। ऐसे में फुल प्रिपरेशन के बाद भी कई बार एग्जाम में उन्हें मुश्किलें होती है, जिसका परिणाम उनके रिजल्ट पर पड़ता है। ऐसे में स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे अपने में सेल्फ कॉन्फिडेंस डेवलप कर एग्जाम की प्रिपरेशन करें। बेहतर होगा कि प्लानिंग के साथ सभी सŽजेक्ट्स की बैलेंस प्रिपरेशन करें। इससे निश्चित तौर पर बेहतर रिजल्ट सामने आएगा। स्टूडेंट्स को यह भी चाहिए कि वे पहले ईजी चैप्टर की स्टडी करें, फिर टफ चैप्टर की ओर बढ़ें। इससे एग्जाम को लेकर मन में जो डर होगा, वह दूर हो जाएगा और प्रिपरेशन में भी आसानी हो जाएगी। इसके अलावे किसी भी चैप्टर अथवा क्वेश्चंस के आंसर को वर्बल पढऩे के बजाय लिखकर प्रिपरेशन करनी चाहिए, इससे गलतियों होने की कम गुंजाइश होती है।

चैप्टर्स व आंसर्स को रटने से बचें
मैट्रिक और इंटर के स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे चैप्टर्स अथवा आंसर्स को रटने से बचें। रटने की टेंडेंसी को छोड़कर एग्जामिनीज को सŽजेक्ट की बेसिक्स को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावे एग्जाम को लेकर जो भी मन में खौफ अथवा डर हो, उसे निकाल देना चाहिए। स्टूडेंट्स को चैप्टर्स दोहराते रहना चाहिए, इसके लिए डेली कम से कम आधे घंटे का वक्त जरूर दें। सैंपल पेपर से पहले उन क्वेश्चंस को छांट दें जिनके आंसर आपको नहीं आते हैैं। क्वेश्चंस को सॉल्व करने के वक्त पहले फार्मूला लिखें और उसकी बेसिस पर उसे सॉल्व करने की कोशिश करें। क्वेश्चंस को सॉल्व करने के बाद उसे आंसर से भी मिलाएं.लॉग और एंटीलॉग क्वेश्चंस का अधिक से अधिक एक्सरसाइज करें.  फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स जैसे सŽजेक्ट्स के फॉर्मूला को कागज में लिखकर अपने स्टडी रुम की दीवार पर चिपका दें, ताकि चलते-फिरते भी आप उसे दोहरा सकें।

प्रिपरेशन के लिए बनाएं ब्लू प्रिंट
क्षितिज टेक्नोप्वाइंट कोचिंग इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और एजूकेशन स्पेशलिस्ट पी चटर्जी बताते हैैं बताते हैैं कि सीबीएसई स्टूडेंट्स को Žलू प्रिंट की बेसिस पर टॉपिक वाइज डिस्ट्रिŽयूट कर एग्जाम की प्रिपरेशन करनी चाहिए। प्रैक्टिस सेट को सॉल्व करने भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। जैक स्टूडेंट्स को प्रीवियस ईयर के क्वेश्चंस और सैैंपल पेपर्स को सॉल्व करना चाहिए। सैंपल पेपर जैक की वेबसाइट पर अवेलेबल है। स्टूडेंट्स  कंसन्ट्रेट होकर प्रैक्टिस करें। कोशिश करें कि एग्जाम में आपका बेहतर प्रेजेंटेशन हो।

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