20 हजार शिकायतों का अंबार, पर सुनवाई नहीं

इस साल पहली बार देश भर में इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए एकीकृत परीक्षा का आयोजन किया गया था। ये परीक्षा दो खंड में आयोजित करवाई गई। पहली परीक्षा जेईई मेंस सीबीएसई बोर्ड ने 4 अप्रैल को कंडक्ट करायाक्र और 7 मई को रिजल्ट आया। फिर उससे फिल्टर होने वाले 1.5 लाख एस्पीरेंट्स को 2013 की जेईई एडवांस परीक्षा में बैठने का मौका मिलना था। ये एडवांस परीक्षा पुराने जेईई की तरह ही आईआईटी दिल्ली कंडक्ट कराएगा। लेकिन उससे पहले ही 7 मई को मेंस का रिजल्ट आते ही देश भर में हंगामा कट गया। अब तक सीबीएसई की साइट से जुड़े कंज्यूमर कंपलेन बोर्ड पर ‘उम्मीद से बहुत कम नंबर मिलने’ संबंधी लगभग 20 हजार शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इनमें से अधिकांश एस्पीरेंट्स ने बोर्ड को 500 रुपए फीस अदा करते हुए कॉपियों की रीचेकिंग करने या अपनी ओएमआर शीट की स्कैन्ड कॉपी उन्हें अवेलेबिल कराने की रिक्वेस्ट है। तो वहीं सैकड़ों ने तो सीबीएसई पर सुनवाई नहीं करने और गलत नंबर देने का सीधा आरोप जड़ा है।

‘ये रिजल्ट शॉकिंग है’

पिछले साल आईआईटी जेईई में ऑल इंडिया 9288 रैंक पाने वाले और इस बार इंप्रूवमेंट के लिए फिर से जेईई मेंस में एपीयर हुए (रोल नंबर-87810292)। होनहार स्टूडेंट अर्चित सारदा का तो इस परीक्षा ने फ्यूचर ही दांव पर लगा दिया। इस छात्र ने बताया कि उसने विभिन्न रेप्यूटेड कोचिंगों के आंसर की से अपने आंसर्स को टैली किया था। उसे इस बार कम से कम 130 माक्र्स मिलने चाहिए थे। लेकिन वो तब शॉक्ड रह गया जब रिजल्ट में उसका स्कोर केवल 26 दिखा। उसके कई और मेधावी दोस्तों को भी ऐसा ही शॉक मिला। अर्चित की मदर अनीता सारदा ने बताया कि सीबीएसई के कंपलेन बोर्ड पर कॉपी की रीचेकिंग की मांग करने के लिए गए तो देखा कि साइट ओवरलोड होकर क्रैश हो गई है। फिर अगले दिन से बोर्ड ने पेपर रीचेकिंग की एप्लीकेशन लेने को साइट खोली ही नहीं। यानि कि केवल 3 दिन कंपलेन लेने को साइट चली, उसमें भी तीसरे दिन क्रैश रही। इसी कारण सैकड़ों की शिकायत भी इंटरटेन नहीं हो पाई। उनके 500 रुपए डूब गए। अब वो लोग कई और पेरेंट्स के साथ मिलकर दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीएसई बोर्ड के खिलाफ मुकदमा दायर करने जा रहे हैं। एक अन्य पेरेंट रेनू शर्मा ने बताया कि वो अपने बेटे के फ्यूचर बचाने को वकीलों और दूसरे पेरेंट्स के साथ मिलकर केस ड्राफ्ट करा रही हैं। दो दिन में कार्रवाई शुरू कर देंगे।

इसलिए है जेईई एडवांस पोस्टपोन होने की आशंका

दरअसल जेईई एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशंस चालू हैं। रजिस्ट्रेशंस की डेट 8 से 13 मई तक थी। 15 से 31 मई तक एडमिट कार्ड मिलने हैं। परीक्षा 2 जून को है। और शेड्यूल के अनुसार रिजल्ट 23 जून को आना है। अब चूंकि सीबीएसई पर गड़बड़ नंबर देने का आरोप लगा रहे सभी एस्पीरेंट्स खुद को एडवांस परीक्षा में शामिल होने का दावेदार बता कर कोर्ट में अर्जी देंगे, तो इस बात की पूरी आशंका है कि ये परीक्षा पोस्टपोन हो जाए। घ्यान रहे शिकायत कर्ता लगभग 20 हजार हैं।

आशंका तो है

हालांकि कोचिंग हब होने के कारण आई नेक्स्ट ने कानपुर के कोचिंग संचालकों से इस बारे में बात की। आईआईटी-जेईई के लिए केमिस्ट्री पढ़ाने वाले टीचर आलोक दीक्षित का कहना है कि उनके भी कई स्टूडेंट्स ने ऐसी शिकायतें की हैं कि कोचिंग की आंसर की से टैली करने पर उनके जितने माक्र्स आ रहे हैं, सीबीएसई की वेबसाइट पर दिए रिजल्ट में उनको उससे कहीं कम माक्र्स मिले हैं। फिर भी आलोक यही कहते हैं कि ओएमआर शीट कह चेकिंग में गड़बड़ी होने की आशंका नहीं के बराबर है, बोर्ड के सिस्टम में कोई तकनीकी फॉल्ट रही हो तो कह नहीं सकते।

1 घंटे में 2400 शीट

आईआईटी जेईई मेंस -एडवांस की प्रिपरेशन कराने वाले टीचर्स ने बताया कि ओएमआर स्कैनर सॉफ्टवेयर से अटैच होता है। सॉफ्टवेयर 1 घंटे में 2400 कापी चेक करता है। कॉपी सीबीएसई के सेन्ट्रल ऑफिस दिल्ली में चेक की गई हैं।

आईआईटी जेईई मेंस एग्जाम में गलत सवाल पर माइनस 1 व सही सवाल पर स्टूडेंट्स को प्लस 4 माक्र्स दिए गए हैैं। टोटल पेपर 360 माक्र्स का था। स्टूडेंट्स को 90 क्वेश्चन दिए गए हैैं। रिजल्ट पर कोई डाउट है तो उसके पास ओएमआर की स्कैन्ड कॉपी पाने का ऑप्शन है। गड़बड़ी की आशंका नहीं के बराबर है।

- प्रो। फाल्गुनी गुप्ता, चेयरमैन आईआईटी जेईई एडवांस, कानपुर जोन

देखो शिकायतें

कंपलेंट बोर्ड के इस लिंक पर जाकर कोई भी जेईई मेंस में चेकिंग की खामियों की शिकायतें और सीबीएसई पर आरोपों के भंडार को देख सकता है।

उत्कर्र्ष श्रीवास्तव, रोल नंबर 87101755, कहते हैं कि उन्हें रेप्यूटेड कोचिंग की आंसर कीज से टैली करने के बाद कम से कम 130 नंबरों की उम्मीद थी, पर केवल 96 नंबर मिले।

अनिकेत सेंगर, रोल नंबर 90517069, कहते हैं कि वो क्लास टॉपर रहे हैं। ऐसे स्कूल और बैच के हैं जिसमें से अधिकांश आईआईटी में सेलेक्ट हुए। उनको 40 नंबर का नुकसान हुआ है।

शुचि नागारिया, रोल नंबर 92300020 कहती हैं कि टॉप के टीचर्स ने उनको कम से कम 140 नंबर आने का आश्वाश्न दिया था, मिले केवल 82 माक्र्स। उनका फ्यूचर स्प्वॉइल कर दिया सीबीएसई ने।

रिचा सिंह, रोल नंबर, 81202285 ने शिकायत मेें लिखा है कि बोर्ड के ऑफ लाइन और ऑन लाइन एग्जाम में भी भारी अंतर है। सरकार को इस लापरवाही की जांच करनी चाहिए।

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