स्कूलों को मान्यता देने को लेकर इस नए नियम की जानकारी बोर्ड की ओर से सभी प्राइवेट स्कूलों को पत्र द्वारा भेजी जा रही है। निजी स्कूलों की मनमानी को देखते हुए बोर्ड लगातार पहल कर रहा है और इस क्रम में कई दिशा-निर्देश भी दिये जा रहे हैं। इसके तहत ही मान्यता संबंधी नियमों में भी बदलाव किया गया है। इन नियमों में खरा उतरने के बाद ही मान्यता मिल सकेगी। स्कूलों को 2019-2020 सेशन से नए नियमों के मुताबिक मान्यता के लिए आवेदन करना होगा। यदि किसी स्कूल की मान्यता 2019 में खत्म हो रही है तो उसे साल 2018 में ही सारा डॉक्यूमेंटेशन करके सीबीएसई को भेजना होगा।

 

भेजनी होगी पूरी रिपोर्ट

स्कूलों को हर पांच साल में नया एफिलिएशन बिल्कुल उसी तरह लेना होगा, जिस तरह पहली बार स्कूल शुरू करते वक्त लिया था। यानि स्कूल की बिल्डिंग का विवरण, सुरक्षा मानक, बाउंड्रीवाल, वाटरबॉडीज, इंटरनेट, क्लासरूम, स्टूडेंट्स और टीचर्स की संख्या, स्टूडेंट्स-टीचर्स रेशियो, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पो‌र्ट्स ग्राउंड हाईजीन, स्कूल एक्टिविटीज, स्कूल का रिजल्ट, टीचर्स की क्वालीफिकेशन, बस सुविधा, बस में सुरक्षा मानक, लैबोरेटरी, सुरक्षा एजेंसी की पूरी रिपोर्ट बोर्ड को भेजनी होगी।

 

सुरक्षा को लेकर बोर्ड गंभीर

आए दिन निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायतें और आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए भी बोर्ड की ओर से छात्रों की सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाया गया है, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो।

 

रिन्यू नहीं कराया तो मान्यता खत्म

यदि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों ने एफिलिएशन पांच साल के अंदर रीन्यू नहीं कराया तो उस साल से स्कूल की मान्यता खत्म हो जाएगी। यदि इसके बाद स्कूल संचालित होता है तो उस स्कूल के छात्र किसी भी अन्य बोर्ड की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। ऐसे स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन ब्लॉक हो जाएगा।