दसवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में तीनों परीक्षाओं के जोड़े गए मॉ‌र्क्स

स्कूलों ने भी प्रैक्टिकल और इंटरनल मार्किंग में नहीं दिखाई कंजूसी

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ALLAHABAD: सीबीएसई बोर्ड ने मॉडरेशन में तो भरोसा कम दिखाया लेकिन रिजल्ट तैयार करने का ऐसा फॉर्मूला तैयार कर दिया जिसने रिजल्ट के बाद छात्रों के चेहरे पर चमक बढ़ गयी। बोर्ड का यह फॉर्मूला काम कर जाने से ही पासिंग परसेंटेज का ग्राफ इंक्रीज हुआ है। बोर्ड से जुड़े जिम्मेदार भी मानते हैं कि इस फॉर्मूले में लोकल लेवल पर दरियादिली न दिखायी गयी तो परिणाम कुछ और ही होता।

हर सब्जेक्ट में बीस फीसदी अंक

हाईस्कूल की परीक्षा में सीबीएसई बोर्ड ने यहां तक कि ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए भी प्रैक्टिकलल/इंटरनल के लिए 20 फीसदी अंक निर्धारित कर रखे थे। बोर्ड ने प्रैक्टिकल-इंटरनल के लिए टीचर्स का पैनल बनाया और उसे दूसरे स्कूलों में मूव कराया। चूंकि ये टीचर किसी न किसी स्कूल के थे तो वे भी जानते थे कि इसमें कड़ाई का मतलब है छात्र के रिजल्ट को नुकसान पहुंचाना। यही कारण था कि ज्यादातर छात्रों को इसमें पूरे 20 फीसदी अंक देने में कोई कंजूसी नहीं की। इसस छात्रों का टोटल पासिंग परसेंटेज भी हाई चला गया और रिजल्ट भी सुधर गया। यानी यह बीस फीसदी अंक सिक्योर होने के बाद उन्हें शेष 80 फीसदी में से सिर्फ 16 फीसदी मा‌र्क्स के लिए मेहनत करनी थी। हालांकि छात्रों को पहले से नंबर पता नहीं थे लेकिन इस स्थिति ने उनका प्रेशर रिलीज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सीबीएसई दसवीं की बोर्ड परीक्षा इस बार कई बातों को लेकर लोगों की नजर में थी। एक तरफ बोर्ड ने सभी स्टूडेंट्स के लिए इस बार बोर्ड परीक्षा अनिवार्य कर दिया था। इससे पैरेंट्स के साथ स्कूलों को भी रिजल्ट खराब होने का डर सता रहा था।

स्कूलों को सता रहा था डर

बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होने से इस बार स्कूलों को भी रिजल्ट को लेकर काफी चिंता थी। उन्होंने अपने स्तर पर एफर्ट किया और बोर्ड के कोआपरेशन ने पूरा सीन ही बदल दिया। इस बार के बोर्ड परीक्षा में जारी परिणाम में स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल के साथ ही इंटरनल और थ्योरी के मॉ‌र्क्स को जोड़कर परीक्षा परिणाम जारी किया गया। जिसका असर यह रहा कि बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स का पासिंग प्रतिशत शानदार रहा।

प्रैक्टिकल-इंटरनल में बरसे नम्बर

दसवीं की बोर्ड परीक्षा में सभी छह विषयों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं होनी थी। ऐसे में प्रैक्टिकल परीक्षाओं में स्टूडेंट्स को शानदार मा‌र्क्स मिले। यहीं नहीं इंटरनल परीक्षाओं की मार्किंग भी बेहतर रही। जिसका रिजल्ट यह रहा कि अगर किसी कारण से स्टूडेंट्स ने थियोरी में कम मॉक्स पाये, तो भी उनका रिजल्ट बेहतर रहा। इलाहाबाद रीजन की सचिव श्वेता अरोड़ा ने बताया कि इस बार अगर स्टूडेंट्स इंटरनल एग्जाम के मॉ‌र्क्स, प्रैक्टिकल और थ्योरी के मॉ‌र्क्स को मिलाकर 33 प्रतिशत अंक हासिल करता है, तो भी वह पास होगा। ऐसे में अधिक अंक पाने वाले स्टूडेंट्स के साथ पोजिशन बनाने में भी इंटरनल और प्रैक्टिकल के मॉ‌र्क्स ने काफी मदद की।

24412 देंगे कम्पार्टमेंट

रिजल्ट सभी के लिए सुकून दायक नहीं रहा। इलाहाबाद रीजन में कुल 24 हजार 412 छात्रों को एक या दो सब्जेक्ट में पास होकर अगली कक्षा में जाने के लिए कम्पार्टमेंट परीक्षा में शामिल होना होगा। बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि कम्पार्टमेंट और इंप्रूवमेंट में शामिल होने के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया जून के आखिरी सप्ताह में शुरू होगी। जल्द ही इसका पूरा शेडयूल जारी कर दिया जाएगा।