पांच मार्च से होना है सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं का आगाज

छात्रों के प्रवेश पत्र रोकने वाली स्कूलों की कार्रवाई पर जारी की सलाह

ALLAHABAD: प्री बोर्ड परीक्षा अथवा प्रैक्टिकल एग्जाम की परफारमेंस को आधार बनाकर छात्रों को बोर्ड परीक्षा से रोकने वाले स्कूलों को सीबीएसई ने झटका दिया है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक की ओर से जारी की गयी सलाह में प्रवेश पत्र रोकने को परीक्षा उपनियमों की अवहेलना बताया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि स्कूल बोर्ड परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र को नहीं रोक सकते।

एकेडमिक परफारमेंस से मतलब नहीं

बता दें कि वर्तमान समय में यूपी बोर्ड और सीआईएसई की बोर्ड परीक्षाएं अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। इस मामले में सबसे पीछे चल रहे सीबीएसई की 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू होनी हैं। छात्रों को बोर्ड की ओर से प्रवेश पत्र जारी किये जा चुके हैं। इसी बीच सीबीएसई तक सूचना पहुंची कि स्कूल की परफारमेंस को बेहतर रखने के लिए स्कूलों ने एकेडमिक परफारमेंस को बेस बनाकर छात्रों को बोर्ड परीक्षा से वंचित करना का प्रयास शुरू कर दिया है। इस तरह की शिकायतों को नोटिस लेते हुए सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक ने प्रवेश पत्र जारी करने को लेकर संबद्ध स्कूलों को एक सलाह जारी की है।

सलाह लेटर में कही गयी बातें

ऐसा संज्ञान में आया है कि कुछ स्कूल प्री बोर्ड व अकादमिक प्रदर्शन को आधार बना परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र रोक रहे हैं

कुछ स्कूल प्रवेश पत्र जारी करने के एवज में फीस वसूल रहे हैं

इस मामले में स्कूलों को सख्ती से परीक्षा उपनियम 15 का पालन सुनिश्चित करना होगा

किसी भी स्थिति में स्कूल प्रमुख योग्य परीक्षार्थी को परीक्षा में भाग लेने से नहीं रोक सकते हैं

सीबीएसई ने उन्हीं परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र जारी किए हैं, जिनके नाम स्कूलों ने परीक्षार्थियों की अंतिम सूची के आधार पर सीबीएसई को सौंपे थे

इसके अनुसार ये सभी परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा के लिए योग्य हैं

प्रैक्टिकल परीक्षा व प्री बोर्ड को आधार बना कर प्रवेश पत्र नहीं रोका जा सकता है