BAREILLY: सीबीएसई के स्कूलों के स्टूडेंट्स पार्लियामेंट की बहस को न केवल महसूस कर सकेंगे बल्कि खुद उसमें पार्टिसिपेट भी कर सकेंगे। सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों में मॉक पार्लियामेंट ऑर्गनाइज करने के निर्देश दिए हैं। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ। बीआर अम्बेडकर की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर बोर्ड ने यह निर्देश दिया है। पहली बार होगा जब अम्बेडकर की वर्षगांठ के अवसर मॉक पार्लियामेंट ऑर्गनाइज होने जा रहा है। सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एमपॉवरमेंट के प्रयासों से इसे ऑर्गनाइज किया जा रहा है।

सामाजिक सरोकारों के प्रति होंगे जागरूक

मॉक पार्लियामेंट की बाबत बोर्ड के रिसर्च एंड इनोवेशन की एडिशनल डायरेक्टर सुगंधा शर्मा ने सर्कुलर जारी किया है। इसके आयोजन के पीछे बोर्ड की मंशा है कि इससे स्टूडेंट्स न केवल सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों के प्रति अवेयर हो सकेंगे बल्कि उनमें गहन समझ भी डेवलप होगी। पार्लियामेंट डिबेट से उनमें कई तरह की स्किल्स डेवलप होंगी। सामाजिक सरोकारों के प्रति भी जागरूक होंगे। इसमें क्लास 11 और 12 के स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट करेंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स चाहें तो असेंबली या फिर पार्लियामेंट विजिट कर डिबेट का अवलोकन कर सकते हैं। चाहे तो वे ब्रॉडकॉस्ट देखकर भी प्रैक्टिस कर सकते हैं।

कुछ थीम्स भी किए हैं सजेस्ट

यूं तो सामजिक और राजनीतिक के किसी भी मुद्दे को लेकर डिबेट की जा सकती है। बावजूद इसके बोर्ड ने अपनी तरफ से डिबेट के लिए कुछ थीम्स भी प्रोवाइड किए हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड, कैपिटल पनिशमेंट, बाजारवाद, वूमेन रिजर्वेशन पॉलिसी, डिजिटल एज, गवर्नमेंट प्लांस समेत 10 थीम्स दिए गए हैं।

मॉक पार्लियामेंट क्यों

बोर्ड ने पॉर्लियामेंट डिबेट ऑर्गनाइज करने के लिए पीछे खास ऑब्जेक्टिव बताए हैं। बोर्ड के अनुसार इससे स्टूडेंट्स सही तार्किक ढंग से डिबेट करना सीख पाएंगे। मुद्दों के प्रति उनमें समझ डेवलप होगी, सत्तापक्ष व विपक्ष के रोल को अच्छी तरह से समझ सकेंगे, रूल्स फॉर्मेशन का पता चलेगा, साथ ही कई और स्किल्स डेवलप होंगे।