- शिक्षा विभाग ने पब्लिक स्कूलों संबंधित शिकायतों का पिटारा सीबीएसई को भी भेजा

Meerut पब्लिक स्कूलों की मनमाने तरीके से फीस वसूलने का शिकायत सीबीएसई तक भी पहुंच गई है। शिक्षा विभाग ने संबंधित शिकायतों का पिटारा सीबीएसई के सामने भी खोल दिया है। स्कूलों की अवैध वसूली, ड्रेस कमीशन, बुक्स की कमीशन और नियमों का उल्लंघन करने की अनियमितता का मुद्दा विभाग ने उठाया है। यहां तक की बीते दिन हुई स्कूलों की बैठक में आई शिकायतों का जिक्र भी इस लेटर में किया गया है। जी हां शिक्षा विभाग ने पब्लिक स्कूलों के साथ हुई बैठक का सारा लेखा चिट्ठा सीबीएसई और आलाधिकारियों के सामने रख दिया है। साथ ही उचित कार्रवाई की मांग भी गई है।

क्फ् को हुई थी शिकायत संबंधित बैठक

बीती क्फ् तारीख को कलेक्ट्रेट स्थित बचत भवन में सीबीएसई और आईसीएसई की शिकायतों संबंधित बैठक ली गई थी। सिटी मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति में हुई इस बैठक में शिक्षा विभाग से सह जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी आर्य व सीपी सिंह, बीएसए जीवेंद्र सिंह ऐरी, जीआईसी प्रिंसिपल फतेह चंद, नगर शिक्षा अधिकारी एसके गिरी आलाधिकारी के रुप में मौजूद थे। बैठक में सभी पब्लिक स्कूलों व आईसीएसई स्कूलों को बुलाया गया था। जिसमें दीवान पब्लिक स्कूल, सिटी पब्लिक स्कूल, केएल इंटरनेशनल, बीडीएस, ट्रांसलेम, कदम पब्लिक स्कूल, गुरु तेग बहादुर, दर्शन एकेडमी, तेज पब्लिक स्कूल, दयावती मोदी एकेडमी, एमपीएस ग‌र्ल्स, एमपीएस ग‌र्ल्स शास्त्रीनगर, एमपीएस, एलजेपी पब्लिक स्कूल, सक्सज इंटरनेशनल, तक्षशिला, कैपिटल पब्लिक स्कूल, डीएवीपीएस, प्रेसीडेंसी पब्लिक स्कूल और विभिन्न शिकायतकर्ता मौजूद रहे थे।

उठाए गए हैं काफी सवाल

बैठक के दौरान उठाए गए सभी सवालों व स्कूलों द्वारा रखे गई शिकायतों को भी पत्र में लिखा गया है। स्कूलों द्वारा अवैध फीस की वसूली, प्रवेश के लिए बार-बार शुल्क वसूलने का भी सामूहिक रुप से मुद्दा शिकायत के रुप में आया है। वहीं फीस बढ़ाए जाने, ड्रेस स्कूल व किसी नामित दुकान से खरीदने व एनसीआरटी की बुक्स की जगह प्राइवेट पब्लिकेशन की बुक्स लगाने की मनमानी की शिकायतों का मुद्दा भी उठाया गया है। कोशिश समाज के अजय सेठी ने एनसीआरटी की जगह प्राइवेट बुक्स लगाने के शिकायत की थी। भारतीय किसान यूनियन द्वारा स्कूलों की अवैध फीस वसूली, ड्रेस एंड बुक्स कमीशन के मुद्दे को उठाया गया था। वहीं छात्र प्रतिनिधि आयुष पंवार ने स्कूलों द्वारा पेरेंट्स के साक्षात्कार लेने का मुद्दा भी उठाया था। जिसे शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में महत्वपूर्णता दी है।

स्कूलों पर जांच की मांग

बैठक में नदारद रहने वाले स्कूलों के लिए उपस्थित पेरेंट्स और छात्र नेताओं ने सवाल उठाए था। सेंट मेरीज व सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल के प्रिंसिपल या कोई प्रतिनिधि उपस्थित क्यों नहीं रहता। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने अंकित चौधरी के उठाए गए इस सवाल को भी शिकायत पत्र में महत्वपूर्णता दी गई है। इस संबंध में अंकित चौधरी, अभिषेक जैन व अन्य पेरेंट्स ने भी दोनों स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की है।

स्कूलों का पक्ष भी लिखा है

जहां शिक्षा विभाग ने इस लेटर में पेरेंट्स द्वारा की गई शिकायतों को प्रमुखता से उठाया है। वहीं उपस्थित स्कूलों का भी पक्ष लेटर में लिखा गया है। दीवान स्कूल के प्रिंसिपल फीस क्0-क्भ् प्रतिशत से ज्यादा न बढे़ यह बात कहीं थी। केएल के प्रिंसिपल ने अपने पक्ष में बताया कि उनके स्कूल में पेरेंट्स का साक्षात्कार नहीं लिया जाता है, बस प्रवेश के लिए जानकारी ली जाती है। सिटी वोकेशनल के प्रिंसिपल ने यह बात रखी थी स्कूल में समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है। कालका, केंद्रीय विद्यालय ने भी अपने विचार रखे थे जिसका जिक्र किया गया है।

सरकारी स्कूल में पढ़ाने की दी थी सलाह

बैठक में केंद्रीय विद्यालय में पेरेंट्स पर पलटवार करते हुए अपने बच्चों को गरीब स्कूलों में पढ़ाने की एडवाइस दी थी। प्रिंसिपल ने कहा था कि अगर बच्चों की फीस नहीं दे सकते तो उन्हें सरकारी स्कूल में भेजा जाए।

भेजी गई हैं यहां शिकायतें

- सचिव केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली

- आयुक्त

- जिलाधिकारी

- संयुक्त सचिव, यूपी शासन लखनऊ

- संयुक्त शिक्षा निदेशक, प्रथम मंडल मेरठ

- नगर मजिस्ट्रेट

- एएमडीएम राम गोपाल

- समस्त स्कूलों के मैनेजमेंट व प्रिंसिपल को।

बैठक में जो भी शिकायतें थीं और स्कूलों द्वारा जो भी आश्वासन दिए गए। संबंधित पूरा लेखा जोखा बनाकर आलाधिकारियों को भेजा गया है। अब आगे की कार्रवाई जो भी उचित समझी जाएगी डीएम व अन्य आलाधिकारी के माध्यम से की जाएगी।

ओपी आर्या, सह जिला विद्यालय निरीक्षक

विभिन्न स्तरों पर मिल रही स्कूलों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा। शिक्षा से जुड़ी हुई कोई अनियमितता बर्दाशत नहीं की जाएगी। दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पंकज यादव, डीएम