- स्कूलों को दी गई है सीबीएसई की ओर से गाइडलाइंस

- बुलिंग और रैगिंग के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए उठाए गए हैं ऐसे कदम

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Meerut : सीबीएसई बोर्ड ने स्कूलों में बुलिंग और रैगिंग के बढ़ते खतरों पर गहरी चिंता जताई है। स्कूलों के माहौल में बदलाव लाने के लिए अहम गाइडलाइंस जारी की है। बोर्ड ने हाल की घटनाओं को देखते हुए और आने वाली शिकायतों का हवाला देते हुए यह खास फैसला लिया है। सीबीएसई ने स्कूलों को कहा है कि स्कूलों में बुलिंग की समस्या गंभीर हो रही है और इस पर रोक लगाने के लिए स्कूलों को कड़े कदम उठाने होंगे।

आए दिन होती हैं ऐसी घटनाएं

सिटी में भी आए दिन स्कूलों की छुट्टी के बाद इसी तरह के हालात देखने को मिलते हैं। सड़कों पर स्टूडेंट्स के बीच लड़ाई-झगड़ा, मारपीट की शिकायतें और छेड़छाड़ की घटनाओं की शिकायतें भी सुनने में आती हैं। स्थिति को देखते हुए कुछ स्कूलों के टीचर्स व स्टाफ तक को खुद छुट्टी के समय स्कूल के बाहर के हालात को कंट्रोल करना पड़ता है।

सीबीएसई ने दी है गाइडलाइंस

सीबीएसई की गाइडलाइंस में स्कूलों को बताया गया है कि उन्हें आने वाले समय में कौन कौन से जरुरी कदम उठाने हैं। साफ कर दिया गया है कि स्कूलों में अपने साथियों को डराने धमकाने वालों के खिलाफ एक्शन लेना ही होगा।

एक्शन लेना है जरूरी

स्कूल में बुलिंग पूरी तरह से बैन होगी। इस तरह की एक्टिविटी में शामिल होने वालों के खिलाफ एक्शन लेना होगा। इसके लिए हर स्कूल में एंटी बुलिंग कमिटी बनाई जाएगी। इसी टीम को पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिसमें वाइस प्रिंसीपल, सीनियर टीचर, स्कूल, डॉक्टर, काउंसलर, पीटीए प्रतिनिधि, स्कूल मैनेजमेंट मेंबर, कानूनी सलाहकार होंगे। कमिटी अवेयरनेस प्रोग्राम तय करेगी।

स्कूल से निकाला जा सकता है

दोषी के खिलाफ एक्शन के तहत वार्निग, स्कूल से सस्पेंड करना, रिजल्ट रोकना, फाइन लगाने के अलावा रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में स्कूल से निकाला भी जा सकता है। इसलिए अगर किसी भी तरह का गंभीर केस होता है तो टीम व स्कूल निर्णय लेकर स्कूल से निकाल भी सकता है। आरोपी स्टूडेंट दूसरे स्कूल में ट्रांसफर करने के लिए भी विचार हो सकता है।

जरुरी है पेरेंट्स की भी उपस्थिति

सीबीएसई ने सख्ती से कहा है कि स्कूल में कंप्लेंट बॉक्स अनिवार्य होगा। इस बारे में स्कूल के स्टूडेंट्स व उनके पेरेंट्स को भी स्कूलों को बताना बहुत जरुरी है। ताकि वह संबंधित शिकायतें कंप्लेन बॉक्स में डाल सकें।

होगी काउंसलर की नियुक्ति

स्कूलों में बनाई जाने वाली स्पेशल टीम के लिए स्कूल में काउंसलर की नियुक्ति करना भी बेहद आवश्यक है। काउंसलर ही स्टूडेंट्स को ह्यूमन राइट्स, डेमोक्रेटिक वैल्यू के बारे में बताएंगे। लाइफ स्किल एजुकेशन पर फोकस होगा। इसके जरिए स्टूडेंटस के माइंड को सेट किया जाएगा। ताकि उनके मन में गलत विचार न आए।

सीबीएसई का यह महत्वपूर्ण कदम वाकई सराहनीय है। आजकल बच्चे गलत संगत में पड़कर अपराध करने से भी नहीं घबराते हैं। इसके अलावा स्कूलों में आपसी वैर निकालने और लड़ाई-झगड़े और रैगिंग के केस भी सुनने में आते हैं, जिन पर लगाम लगाना आवश्यक है।

डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर