- केएल इंटरनेशनल में सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसिपल्स की कार्यशाला

- सभी को समझाया कि रिजल्ट रिवीजन के बढ़ रहे आंकड़े बढ़े

Meerut : स्कूल्स सीसीई (कंटीन्यूअस एंड कॉम्प्रीहेंसिव ईवैल्यूशन) पैटर्न को समझ नहीं पा रहे हैं। इसका नतीजा है कि लगातार रिजल्ट रिविजन बढ़ते जा रहे हैं। ये बातें केएल इंटरनेशनल में सीबीएसई की मैंटोरिंग एंड एक्सपीरियंस शेयरिंग वर्कशॉप में देहरादून रीजनल ऑफिस के ज्वाइंट सेकेट्री मनोज श्रीवास्तव ने कही। उन्होंने इस दौरान स्कूलों को सीसीई पैटर्न की पूरी प्रक्रिया समझाई। इस मीटिंग में 240 प्रिंसिपल्स ने भाग लिया।

समझाया सीसीई पैटर्न

मनोज श्रीवास्तव ने सीबीएसई द्वारा निर्धारित मानकों के मुताबिक सीसीई पैटर्न की पूरी प्रक्रिया को बताते हुए एफए असेसमेंट, रिकॉर्ड कीपिंग, को-स्कॉलास्टिक एरिया, इफेक्टिव टीचिंग आदि के विषय में विस्तार से बताया। इसके साथ ही उन्होंने आंकड़ों को बताते हुए कहा कि 2014 में सीसीई पैटर्न के तहत 45 रिजल्ट रिविजन के लिए आए थे। 2015 में यह संख्या 70 हो गई। इसके बाद इस साल पर गौर करें तो रिजल्ट आने से पहले ही 25 से ज्यादा रिजल्ट रिविजन के लिए रिक्वेस्ट आ चुकी हैं। रिजल्ट रिविजन की रिक्वेस्ट हर साल बढ़ती जा रही है। साफ है कि स्कूल्स अभी भी सीसीई पैटर्न को समझ नहीं पा रहे हैं।

नहीं हो पाते हैं इम्पीलमेंट

मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि रीजन में इस साल 83 स्कूलों को डाटा अपलोड नहीं हुआ है। 2014-15 में 12 स्कूल्स का ही डाटा अपलोड नहीं हुआ था। इसके इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी काफी स्कूल्स ऐसे हैं, जिनमें सीबीएसई के सर्कुलर या तो पढ़े नहीं जाते, या फिर समझने का प्रयास ही नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को सलाह है कि वह सर्कुलर को केवल कागज समझकर न रखें बल्कि उन्हें पढ़े और समझने का प्रयास भी करें।

शुरू हो रहा है मैंटरिंग सिस्टम

इसके बाद उन्होंने कहा कि मेरठ में मैंटर बनाए गए हैं। मैंटर्स को तीन -तीन स्कूल्स की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मैंटर्स को स्कूल्स में जाकर उनका दौरा करना है। देखना है कि स्कूलों क्या डेवलपमेंट हुआ है, कहां और क्यों कमी आ रही है।

टीचर्स का हुआ एग्जाम

कार्यक्रम में मौजूद मैंटरिंग एंड मॉनिटरिंग यूनिट ज्वाइंट डायरेक्टर मोनिका कपूर ने सभी प्रिंसिपल्स को गेम्स के जरिए उनकी कमियों को खंगालने के लिए कहा। इस दौरान प्रिंसिपल्स ने अपनी कमियों व गुणों की चर्चा की व उनमें इंपू्रवमेंट करने का भी फैसला लिया।

सवालों से बचकर भागे अधिकारी

जब मीडिया ने ज्वाइंट सेकेट्री मनोज श्रीवास्तव से सवाल जवाब करने चाहे तो ऐसे में वो बचकर भाग निकले। इस दौरान उन्होंने किसी भी मीडिया पर्सन से बात करने से इनकार कर दिया।

झाड़ा खामियों से पल्ला

जब सीबीएसई की एडिशनल डायरेक्टर सुगंध शर्मा से स्कूलों में ड्रेस, बुक्स, कमीशन व फीस में वृद्धि पर बात की गई तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि ये एकेडमिक मामला है। इसमें कुछ नहीं कह सकती।

पैटर्न समझना जरुरी

सीसीई पैटर्न को इजी बनाने की बात पर ज्वाइंट डायरेक्टर मोनिका कपूर ने कहा कि सीसीई पैटर्न को इजी बनाने की जरुरत नहीं है। ये पैटर्न ऑलरेडी इजी है, लेकिन स्कूलों को इसे समझने की जरुरत है। वो प्रॉपर इसे समझे और प्रॉपर इम्पलीमेंट करें।

बढ़ गए रिजल्ट रिविजन

वर्ष रिजल्ट रिविजन

2014 45

2015 70

2016 25 से ज्यादा रिक्वेस्ट अब तक आईं