-सीसीटीएनएस पोर्टल पर बरेली के कई थानों के नाम हैं गलत

-सीसीटीएनएस हेडक्वार्टर से प्रदेश के सभी जिलों को नाम सही करने के निर्देश

BAREILLY: क्राइम और क्रिमिनल को ट्रैक करने के लिए सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम ) के तहत डाटा ऑनलाइन किया जा रहा है, लेकिन जब पुलिस थानों के नाम ही गलत हों तो फिर कैसे सही क्रिमिनल ट्रैक होंगे और क्राइम का रिकॉर्ड कितना ठीक होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। सीसीटीएनएस में बरेली के छह थानों के नाम ही गलत हैं। सीसीटीएनएस के कोर अप्लीकेशन साफ्टवेयर में जहां भुता को भुट्टा तो बिथरी चैनपुर को बिठरी चैनपुर लिखा गया है। एडीजी टेक्निकल सर्विसेज आशुतोष पांडेय ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने डिस्ट्रिक्ट के थानों के नाम इंग्लिश अौर हिंदी दोनों में सही कर लें

ये रिकॉर्ड होता है ऑनलाइन

सीसीटीएनएस के तहत क्राइम और क्रिमिनल का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। थानों की एफआईआर ऑनलाइन के अलावा चार्जशीट, फाइनल रिपोर्ट, चार्जशीट, रजिस्टर नंबर 4 व अन्य रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा वेब मैपिंग के जरिए भी क्राइम से जुड़ा रिकॉर्ड पूरा सीसीटीएनएस में दर्ज किया जा रहा है। सीसीटीएनएस के तहत ही किराएदारों और नौकरों का वेरिफिकेशन व अन्य रिकॉर्ड भी ऑनलाइन होंगे। फ्यूचर में यूपी 100 को भी सीसीटीएनएस के तहत लिंक किया जाएगा।

6 थानों के नाम गलत

बरेली डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो यहां के 6 थानों के नाम इंग्लिश और हिंदी दोनों में गलत दर्ज किए गए हैं। सर्किल थर्ड के तहत आने वाला थाना बिथरी चैनपुर है लेकिन रिकार्ड में इसे बिठरी चैनपुर किया गया है। इसी सर्किल के बारादरी थाना को बरदारी इसी तरह फरीदपुर सर्किल के थाना भुता को भुट्टा, नवाबगंज सर्किल के थाना क्योलडि़या को क्योलारिया, सर्किल सेकंड के थाना सीबीगंज यानी कलेक्टर बकगंज को कलेक्टरबुक गंज, सर्किल वन के थाना कैंट को केंट किया गया है। इसके अलावा अंग्रेजी में bhutta, cantt, collector bukganj लिखा है।

ये हो रही हैं प्रॉब्लम

-एफआईआर में थानों के नाम गलत दर्ज हो रहे हैं

-एफआईआर के अलावा चार्जशीट, फाइनल रिपोर्ट और जनरल डायरी में भी नाम गलत दर्ज हो रहे हैं

-एफआईआर, चार्जशीट व फाइनल रिपोर्ट में थाने का नाम गलत होने से कोर्ट में प्रॉब्लम आती है

-दूसरे डिस्ट्रिक्ट या स्टेट की पुलिस और पब्लिक को एफआईआर सर्च करने में प्रॉब्लम होती है

-किसी क्रिमिनल रिकॉर्ड भी थाने के नाम गलत होने से सर्च नहीं होता है