जंक्शन पर लगाए गए हैं 16 सीसीटीवी कैमरे
दरअसल, जंक्शन पर आने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए रेलवे प्रशासन की तरफ से 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की मानिटरिंग की जिम्मेदारी आरपीएफ को सौंपी गई है। इसके लिए बकायदा आपरेटिंग रूम बनाया गया है लेकिन सब बेकार हो चुका है।

नहीं होती दूर की चीजें क्लीयर
आरपीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 16 सीसीटीवी कैमरे में 10 कैमरे ऐसे हैं जो स्टील हैं और बाकी के 06 में जूमिंग पावर है। जो दूर की वस्तुओं को क्लीयर कर देती है लेकिन 10 कैमरों में स्टील इमेज होने के चलते दूर की वस्तुओं को क्लीयर नहीं कर पाती है। जबकि दूर की वस्तुओं को क्लीयर करने वाले कैमरे होने चाहिए।

जरूरत पड़ने पर नहीं ले सकते डेटाज
सोर्सेज की माने तो एक बार किसी यात्री का बुकिंग हाल से उसका लगेज चोरी हो गया। उसने सीसीटीवी कैमरे की मदद से उस चोर तक पहुंचने की रिक्वेस्ट की थी। वहीं आरपीएफ ने भी काफी हद तक प्रयास किए थे लेकिन टेक्नीकल प्रॉब्लम होने के चलते कैप्चर हुए डेटाज को डाउनलोड नहीं किया जा सका और न ही उसे पेंड्राइव में ले सके। सीसीटीवी कैमरे को ऑपरेट करने वालों ने बताया कि इन 16 कैमरों की रिकार्डिंग का कुल टाइम ड्यूरेशन 30 दिन का होता है। आटोमैटिक ही वह दूसरे मंथ में डेटाज सेव होने लगता है। लेकिन सेव हुए डेटाज को जरूरत पड़ने पर ले नहीं सकते हैं।

सीसीटीवी कैमरे में होने वाली रिकार्डिंग का प्रोसेज लंबा नहीं है। दूसरी बात काफी पुरानी टेक्नोलॅजी है। जिसके चलते थोड़ी प्राब्लम आ रही है। नई टेक्नोलोजी से अपडेट करने की प्रोसेस शुरू की जाएगी।
सारिका मोहन, सीनियर कमांडेंट, लखनऊ डिवीजन एनई रेलवे

 

report by : amarendra.pandey@inext.co.in