- RTO में दलालों पर अंकुश लगाने की नई कवायद शुरू

- CCTV फुटेज के जरिए डेली परिसर में घूमने वालों को चिन्हित कर पुलिस को दी जाएगी रिपोर्ट

GORAKHPUR: आरटीओ कैंपस में वर्षो से जमे दलालों को उखाड़ फेंकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। लगातार दो बार सिटी मजिस्ट्रेट की कोशिश के बावजूद दलालों के ना हटने पर अब प्रशासन ने नया तरीका निकाला है। इसके तहत परिसर में रोजना घूमने वाले लोगों को यहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के जरिए चिन्हित किया जाएगा। जिसके बाद इन लोगों की रिपोर्ट पुलिस को दी जाएगी। साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो परिसर की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

रहेगी पूरी नजर

यूपी में नई सरकार के गठन के बाद से ही सरकारी दफ्तरों की तस्वीर बदलने की कवायद चल रही है। सीएम सिटी होने की वजह से गोरखपुर पर भी अधिक फोकस किया जा रहा है। इसी क्रम में आरटीओ ने जिले में चल रही डग्गामार बसों को बंद कराने की कवायद तेज कर दी। अब आरटीओ कैंपस को दलालों के चंगुल से मुक्त कराकर यहां के कार्य में पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। इसे देखते हुए शासन ने फरमान जारी किया है कि आरटीओ प्रशासन खुद दलालों को चिन्हित कर उनकी रिपोर्ट पुलिस को सौंपे ताकि उनपर कार्रवाई की जा सके। आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक सीसीटीवी कैमरों व वीडियोग्राफी के जरिए दलालों को चिन्हित कर आरटीओ इसकी रिपोर्ट पुलिस को देगा। अधिकारियों का मानना है कि आरटीओ ऑफिस में आने वाले लोग एक या दो बार से अधिक नहीं आते हैं, लेकिन यहां बैठने वाले दलाल पूरे दिन परिसर का चक्कर काटते रहते हैं। ऐसे में सीसीटीवी फुटेज के जरिए इन लोगों को चिन्हित करना आसान होगा।

वर्जन

आरटीओ कैंपस पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों से लैस है। कैंपस में डेली घूमने वालों को चिन्हित कर उनकी रिपोर्ट पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भेजी जाएगी ताकि उनपर कार्रवाई की जा सके।

- सूरज राम पॉल, एआरटीओ प्रशासन