GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड में लगे क्लोज सर्किट (सीसीटीवी) कैमरे खराब हैं। इसका खुलासा कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बाद जांच में हुआ। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने भी सीसीटीवी फुटेज की मांग की तो कॉलेज प्रशासन ने का जवाब था कि सीसीटीवी कैमरे खराब हैं। सवाल उठता है कि कहीं जान-बुझकर तो कैमरे खराब नहीं कर दिए गए।

 

दोबारा किया निरीक्षण

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 व 11 अगस्त को ऑक्सीजन की कमी से मासूमों की मौत के मामले में जांच के दौरान हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। गुरुवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व इलाहाबाद की जिला जज जीश्री देवी ने दोबारा मेडिकल कॉलेज के सौ नंबर इंसेफेलाइटिस वार्ड के एनआइसीयू व पीआइसीयू का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वार्ड के मुख्य द्वार और अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मेंडिकल कॉलेज प्रशासन से मांगी तो उनके होश उड़ गए। हालांकि इस दौरान कुछ देर तक फुटेज निकालने की बात कर कुछ अफसर निकल लिए। इसके कुछ देर बाद पहुंचे तो उनके चेहरे पर बारह बजा था। जब जिला जज ने दोबारा फुटेज मांगा तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए हैं। जिसकी वजह से फुटेज नहीं मिल पाएगा।

 

कैमरे नहीं कैद कर पाए गतिविधियां

मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड में आये दिन होने वाले विवाद को देखते हुए छह महीने पहले ही 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दावा किया था कि कैमरे वार्ड के हर हिस्से की गतिविधियों को कैद कर सकते हैं मगर जब कैमरों इंसेफेलाइटिस वार्ड की घटना की हकीकत जानने के लिए कैमरे खंगाले गए तो वे खराब मिले। हाईकोर्ट के आदेश पर जांच करने पहुंची राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व इलाहाबाद की जिला जज जीश्री देवी ने फुटेज मांगी तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कैमरा खराब होने की दलील देते हुए फुटेज उपलब्ध कराने से हाथ खड़ा कर दिया।