इन्हें मिला विशेष सम्मान

फाउंडेशन डे पर आयोजित समारोह में विशेष रूप से 1956 के ओलंपियन श्याम लाल खुल्लड़ (दिल्ली), 1964 के ओलंपियन त्रिलोक सिंह (नैनीताल) और 1964 के ओलंपियन स्व। देवाशीष मंडल को सम्मानित  किया गया। स्व। देवाशीष का सम्मान उनके पुत्र जयंत मंडल को दिया। सम्मान पाकर सभी ओलंपियन बहुत उत्साहित दिखाई दिए। इस दौरान उनका कहना था कि इंडिया जिमनास्टिक में लगातार प्रोग्रेस कर रहा है।

प्लेयर्स को मिला सम्मान

समारोह में तीन ओलंपियन के अलावा उन जिमनास्ट को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने गेम में अपना जीवन गुजार दिया। इनमें आगरा के रामनायक तिवारी, 1962 में नेशनल चैंपियन रहे दिल्ली के सरबीर सिंह, पश्चिम बंगाल में फादर ऑफ जिमनास्टिक कहे जाने वाले दिलीप दास, 1970 में नेशनल चैंपियन रहे दिल्ली के राम निवास, 2010 में सिटी के पहले द्रोणाचार्य अवार्डी बने आगरा के डीके राठौर, हरियाणा की अर्जुन अवार्डी अंजू दुआ, उज्जैन के कोच निर्भय सिंह, कॉमनवेल्थ गेम्स में कोच रहीं कोलकाता की शैफाली, इंटरनेशनल जिमनास्ट रहे दिल्ली के प्रवीण कुमार, वेस्ट बंगाल के कोच जेपी चक्रवर्ती, जिमनास्टिक के इंटरनेशनल जज रहे उज्जैन के आरएल वर्मा, जिमनास्टिक के इंटरनेशनल जज रहे बीएल बायसकर, दिल्ली के साधु सैनी, मधुकर श्याम और शेखर विक्टर, उज्जैन के सरफराज अहमद, यूपी की पूजा चौहान और इलाहाबाद के अभय चंद्र मिश्रा को सम्मानित किया गया।  

आरएसओ भी हुए सम्मानित

अजय सेठी के नेतृत्व में 1989 से 2003 तक इलाहाबाद में कई इंटरनेशनल प्लेयर्स तैयार किए गए। 2003 के बाद से आगरा में मोहम्मद बॉबी, गौरव कुमार और आकाश पांडे जैसे नेशनल प्लेयर्स तैयार किए गए।