11 मार्च को होनी है काउंटिंग, इसलिए समारोह किया गया स्थगित

होली से एक दिन पहले होता आ रहा है हुड़दंग का आयोजन

ALLAHABAD: होली की खुमारी शहरियों के सिर पर धीरे-धीरे चढ़ने लगी है। लेकिन, इस साल एक ऐसे आयोजन को बड़े से लेकर युवा और छोटे-छोटे बच्चे तक मिस करेंगे। जिसका इंतजार लोग बेसब्री से किया करते हैं। इलाहाबाद की हास्य ठिठोली से भरे अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन 'हुड़दंग' को स्थगित कर दिया गया है। 11 मार्च को इलाहाबाद सहित पूरे प्रदेश में हुए मतदान की मतगणना होनी है। जिसकी वजह से प्रयाग नागरिक सेवा संस्थान ने इस वर्ष हुड़दंग को नहीं करने का निर्णय लिया है।

40 साल पुरानी परंपरा पर लगा ब्रेक

चौक के केसर विद्यापीठ इंटर कालेज के सामने 40 वर्ष पहले अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन शुरू किया गया था। जिसका आयोजन प्रयाग नागरिक सेवा संस्थान के जिम्मे रहता था और दर्शकों को होली के रंग में सराबोर करने के लिए सम्मेलन का नाम हुड़दंग रखा गया। सम्मेलन में हर वर्ष देश की आम समस्याओं को केन्द्र में रखकर नामचीन कवि दर्शकों को खूब गुदगुदाते थे। इसी के चलते पब्लिक का भी इस आयोजन से बड़ा जुड़ाव था। देर रात तक पब्लिक मस्ती के इस माहौल को एंज्वॉय करने के लिए मौजूद रहती थी।

Result आने के बाद होगा खतरा

होली की ठिठोली से भरपूर हुड़दंग का आयोजन प्रत्येक वर्ष होलिका दहन से एक दिन पहले आयोजित किया जाता रहा है। इस बार 12 मार्च को होलिका दहन होना है और उसके एक दिन पहले इलाहाबाद में सभी 12 विधानसभा सीटों के लिए हुए मतदान की मतगणना होनी है। किसी भी तरह की अनहोनी की आशंका को देखते हुए रंग में भंग न हो जाए इसलिए आयोजन को स्थगित कर दिया गया है।

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भौकाल से निकलेगी हथौड़ा बारात

प्रयाग नागरिक सेवा संस्थान की ओर से हुड़दंग के साथ ही हथौड़ा बारात का भी आयोजन किया जाता है लेकिन उसे स्थगित नहीं किया गया है बल्कि उसकी तारीख एक दिन आगे बढ़ा दी गई है। यह आयोजन अबकी बार होलिका दहन के दिन यानि 12 मार्च को आयोजित किया जाएगा। हालांकि यह आयोजन भी परिणाम आने के ठीक दूसरे दिन होगा। लेकिन, इस परंपरा को इस साथ स्थगित करने का निर्णय नहीं लिया गया है।

हथौड़ा बारात की विशेषता

यह अपने आप में एक अनोखी बारात होती है। जिसमें हथौड़ा को दूल्हा बनाकर काजल लगाया जाता है। राई नोन से उसकी आरती नजर उतारी जाती है और देश की समस्याओं रूपी दानव का पुतला बनाकर उसका भंजन किया जाता है। हाथी, घोड़ा, ऊंट व पाइप बैंड की धुन के साथ बारात को पूरे चौक क्षेत्र में भौकाल के साथ निकाला जाता है।

11 मार्च को काउंटिंग होनी है। इसके बाद आयोजन रिस्की होगा। इसलिए 40 सालों की परंपरा को इस बार स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। हथौड़ा बारात पूरे भौकाल के साथ निकाली जाएगी। काउंटिंग के कारण आयोजन तिथि एक दिन आगे बढ़ा दी गयी है।

संजय सिंह,

संयोजक प्रयाग नागरिक सेवा संस्थान