एक गे राइट एक्टिविस्ट के तौर पर सेलिना को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं. वह एक दायरे और सेट फ्रेम से बाहर निकलने पर यकीन रखती हैं. वह कहती हैं, ‘जब मैंने जानशीं में पहली बार बिकिनी शॉट दिया तो भी लोगों ने मुझे बहुत क्रिटिसाइज किया था. आज जब मैं इंडिया में होमोसेक्सुएलिटी के लिए अपनी आवाज उठाती हूं, तो भी कभी-कभी रिएक्शंस वैसे ही होते हैं. जब मैंने पहली बार ऐसे लोगों को अपना सपोर्ट दिया तो कुछ लोगों ने राय बना ली कि मैं भी उन लोगों में शामिल हूं. फर्क क्या पड़ता है? मैं हर उस चीज के फेवर में खड़ी होऊंगी जो मुझे सही लगती हैं.’

celina jaitley: a gay activist

सेलिना जेटली एक गे राइट्स एक्टिविस्ट के तौर पर जानी जाती हैं लेकिन वह शहीदों की विडोज के साथ ही फिजिकल थ्रेट जैसे एसिड अटैक का शिकार हुई लड़कियों के साथ भी काम करती हैं. वह कहती हैं, ‘मैं ऐसी लड़कियों को भी सपोर्ट करती हूं, इसका मतलब ये नहीं कि मैं भी इनमें से हूं. आप ऐसी चीजों के लिए आवाज भी उठा सकते हैं जिनमें आप डायरेक्टली इंवॉल्व ना हों.’

The story behind...

गे राइट्स को सेलिना के सपोर्ट के पीछे भी एक कहानी है. वह कहती हैं, ‘मैं जब अपना घर छोडक़र कुछ करने के लिए कोलकाता पहुंची तो मेरी देखभाल करने और लोकल गार्जियन के तौर पर जो शख्स मौजूद था, वह गे था. उसने कोलकाता में रहने के दौरान मेरा बहुत ख्याल रखा और बिल्कुल उसी तरह से मुझे ट्रीट किया जैसे कि वह मेरी मां हो. वह एक लोकल मेकअप आर्टिस्ट था और आज मैं जो कुछ भी हूं, उसके पीछे कहीं न कहीं उसका बहुत बड़ा हाथ है. उसने ही मेरा नाम ‘फेमिना मिस इंडिया’ की एंट्री के लिए भेजा था. इसका पता भी मुझे नहीं लग पाता अगर मेरे पास कांपटिशन के लिए कॉल न आती. उसने मेरे लिए पैसे से लेकर हर जरूरी चीज तक का इंतजाम किया. मैं आज भी उस इंसान को भुला नहीं पाई हूं जो मेरे लिए गॉड है. कुछ साल पहले एक रोड एक्सीडेंट में उसकी डेथ हो गई और वह मेरी जिंदगी से दूर हो गया.’

celina jaitley: a gay activist

The dilemma

सेलिना का पहला ब्वॉयफ्रेंड गे था और जब उन्हें इसका पता चला था तो वह इस बात के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाईं. सेलिना ने बताया, ‘पहली बार जब मुझे इस बात का पता चला था कि मेरा ब्वायफ्रेंड गे है तो बहुत ही अजीब लगा था. कहीं न कहीं शायद मेरे अंदर छिपी औरत इस बात के साथ खुद को एडजस्ट ही नहीं कर पा रही थी. बाद में हमारा रिलेशन खत्म हो गया लेकिन हम काफी अच्छे दोस्तों की तरह थे और हर बात शेयर करते थे. उसकी डेथ हो गई. आज मैं जो कुछ भी कर रही हूं वह मेरी लाइफ के इन दो सबसे स्पेशल लोगों के लिए ही है और मैं अपनी मुहिम को आगे बढ़ाती रहूंगी. सिर्फ मैं ही क्यूं मेरे ख्याल से हर किसी को आगे आना चाहिए.’


Celebrate the womanhood

सेलिना को अपने लडक़ी होने पर गर्व है. वह कहती हैं, "कभी इस बात पर अफसोस मत जताइए कि भगवान ने आपको लडक़ी क्यों बनाया. आप को तो खुश होना चाहिए कि आप एक लडक़ी हैं. भारत में भले ही आज लड़कियों के लिए मिडिल क्लास मेंटैलिटी बदली न हो लेकिन यह सच है कि लड़कियां सबसे स्ट्रांग होती हैं, स्पेशली इंडियन गर्ल, जरूरी बस ये है कि आप जिस पर यकीन करते हैं, अपने एक्शंस से उसे सपोर्ट दे सकें".

(As told to Recha Bajpayee)