द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म : हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की जोरदार मांग के बीच अब इस दिशा में कवायद शुरू हो गई है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के ट्विट ने इसकी तस्दीक कर दी है। राजनाथ सिंह ने अपने ट्विट में केंद्र सरकार के स्तर पर की जा रही कवायद की जानकारी दी है। इसमें उन्होंने गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में हो समेत देश की 38 भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से की जा रही कवायदों का भी जिक्र किया है।

एक से पांच तक की थी पदयात्रा

हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग को लेकर आदिवासी हो समाज युवा महासभा ने एक अगस्त से पांच अगस्त तक टाटा से रांची तक की पदयात्रा की थी। पदयात्रा के बाद राज्यपाल को महासभा द्वारा मेमोरेंडम भी सौंपा गया था। इन सबके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किये गये ट्विट से हो समाज के लोग उत्साहित हैं। ट्विट में गृहमंचाी ने जानकारी दी है कि 38 भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। इस सूची में हो भाषा को 14वें स्थान पर सूचीबद्ध किया गया है।

कोल्हान में पॉपुलर है हो लैंग्वेज

बताते चलें कि हो भाषा कोल्हान समेत पूरे झारखंड में बोली जाती है। झारखंड के अलावा ओडिशा के बड़े हिस्से में इस भाषा को बोलने वाले लोग रहते हैं। समाज के प्रतिनिधि सागेन पूर्ति कहते हैं कि आंदोलन अब रंग दिखाने लगा है। पूर्ति के मुताबिक पदयात्रा से बात नहीं बनी और भारत सरकार ने हमारे मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया तो हम जंतर-मंतर तक जाएंगे, लेकिन हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की लड़ाई जारी रखेंगे।