- रैंक सुधारने की कवायद में जुटी उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी

- एग्जाम का इवैल्युएशन और रिजल्ट सिस्टम में किया जा रहा बदलाव

- खत्म होगा रिजल्ट का सिंगल विंडो सिस्टम

DEHRADUN: टेक्निकल एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार और ट्रासपेरेंसी लाने के लिए उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी अब एग्जाम्स का इवैल्युएशन और रिजल्ट का मैकेनिज्म बदलने जा रही है। रिजल्ट को लेकर सिंगल विंडो सिस्टम खत्म करने की योजना है और उसके स्थान पर सेंट्रल इवैल्युएशन सिस्टम लागू किया जाएगा।

ट्रांसपेरेंट होगा सिस्टम

उत्तराखंड टेक्नीकल यूनिवर्सिटी (यूटीयू) लगातार अपनी रैंकिंग सुधारने की कवायद में जुटी है। दरअसल यूनिवर्सिटी देश की टॉप हंड्रे़ड यूनिवर्सिटी में भी अपनी जगह नहीं बना पाई है। ऐसे में रैंक में सुधार के लिए यूटीयू द्वारा कई कवायदें शुरू की गई हैं। यूनिवर्सिटी अपने कामचलाऊ सिस्टम को खत्म कर ट्रांसपेरेंट सिस्टम लागू करने जा रही है। सबसे पहले रिजल्ट और एग्जाम के इवैल्युएशन में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए कवायद शुरू की गई है। इसके तहत रिजल्ट का सिंगल विंडो सिस्टम खत्म किया जा रहा है। अब तक यूनिवर्सिटी का रिजल्ट सिर्फ एक अधिकारी तक पहुंचता था और जारी कर दिया जाता था। लेकिन अब रिजल्ट की भी स्क्रूटनी की जाएगी। ताकि, किसी तरह का खेल रिजल्ट में न हो। यूटीयू के वीसी डॉ। यूएस रावत ने कहा कि इससे सिस्टम में मोनोपॉली खत्म होगी और रिजल्ट का सिस्टम ट्रांसपेरेंट होगा।

घर पर कॉपियों की जांच नहीं

रिजल्ट के अलावा यूटीयू में अब एग्जाम आंसर शीट्स का इवैल्युएशन सिस्टम भी बदला जाएगा। टीचर्स जांच के लिए कॉपियां घर नहीं ले जा सकेंगे और एक ही स्थान पर सभी कॉपियों की जांच की जाएगी। ट्रांसपेरेंसी के लिए ये सिस्टम भी अहम माना जा रहा है। वर्तमान में प्रोफेसर अपनी सुविधा के हिसाब से कॉपियों को चेक करते हैं। कई बार वे कॉपियां जांच के लिए घर ले जाते हैं। यूटीयू के वीसी डॉ। यूएस रावत ने कहा कि सेंट्रल इवैल्युएशन सिस्टम लागू होने के बाद कॉपियों की जांच को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकेगा।

टॉप 100 में कोई रैंक नहीं

यूटीयू द्वारा इन कवायदों को टेक्निकल एजुकेशन में सुधार के लिए बताया जा रहा है। ये बात सही है कि ये कदम उठाने के बाद एजुकेशन में क्वालिटी तो आएगी। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी की रैंक सुधारने के लिए भी ये प्रयास किए जा रहे हैं। यूटीयू देश की टॉप हंड्रेड यूनिवर्सिटीज में भी शामिल नहीं है, ऐसे में यूनिवर्सिटी की रैंक सुधारने को लेकर प्रबंधन सबसे ज्यादा चिंतित है।

यूनिवर्सिटी का है बड़ा सेट-अप

2005 में हुई थी यूटीयू की स्थापना

132 कॉलेज हैं यूटीयू से एफिलिएटेड

33 हजार स्टूडेंट्स हैं यूनिवर्सिटी में एनरोल्ड

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यूटीयू में रिजल्ट और मूल्यांकन सिस्टम को बदला जाएगा। जिससे पारदर्शिता आ सके। रिजल्ट को जहां डबल विंडो सिस्टम में लाया जाएगा, तो वहीं सेंट्रल इवैल्युएशन सिस्टम को लागू किया जाएगा।

डॉ। यूएस रावत, वीसी, यूटीयू