-शहर पश्चिमी की जनता को मिलेगी बड़ी सौगात

-सीएमओ ने स्वास्थ्य मंत्री को भेजा प्रस्ताव, ड्यूटी पर लगाए जाएंगे डॉक्टर्स,

न जंग, न आग का खतरा

-सभी तरह की ओपीडी और जांचें उपलब्ध हैं इसमें।

-इसे पॉली यूरेथिन मैटीरियल से तैयार किया गया है, इसमें जंग लगने का खतरा नहीं होता।

-इस हॉस्पिटल में आग लगने के बाद यह मटेरियल अचानक से नहीं जलेगा। इसमें आग देर से पकड़ती है।

-कहीं भी वेल्डिंग नहीं की गई है। जब चाहे इस हॉस्पिटल का आकार को बदला जा सकता है।

-बहुत अधिक सर्दी और गर्मी का इस पर असर नहीं होता। बारिश और आंधी में भी पूरी तरह सेफ।

नंबर गेम

2.3 करोड़ कुल लागत

20 कुल कमरे

100 बेड की सुविधा

60 से 70 डॉक्टर्स लगे थे

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vineet.tiwari@inext.co.in

PRAYAGRAJ: शहर पश्चिमी में रहने वाली जनता को इलाज के लिए बड़ी सौगात मिलने जा रही है। इस एरिया में अभी तक कोई सरकारी हॉस्पिटल नहीं होने से हजारों लोगों को इलाज के लिए तक चक्कर काटना पड़ता था। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग की पहल पर कुंभ मेले में करोड़ों की लागत से लगाया गया सेंट्रल हॉस्पिटल अब शहर पश्चिमी में शिफ्ट होगा। इसका फायदा वहां रहने वाले लाखों लोगों को मिलेगा। झलवा में हॉस्पिटल को आईटीबीपी कैंप के आगे शिफ्ट करने पर विचार चल रहा है।

जल्द ही मंत्री भी भर देंगे हामी

कुंभ मेले में स्थापना के तुरंत बाद आईएसओ सर्टिफिकेट मिला था। करार के मुताबिक मेला खत्म होने के बाद इस स्ट्रक्चर को कहीं और शिफ्ट करना था। इसको देखते हुए सीएमओ ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में लिखा है कि हॉस्पिटल को मेले के बाद शहर पश्चिमी में शिफ्ट किया जाए। इससे इस एरिया में रहने वाली जनता को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सकेगा। इस माना जा रहा है कि शहर पश्चिमी से विधायक स्वास्थ्य मंत्री इस प्रस्ताव को जल्द ही हरी झंडी दे देंगे।

विस्तृत होगी रेंज

जहां यह हॉस्पिटल शिफ्ट होने का प्रस्ताव है उसकी रेंज काफी विस्तृत है। यहां ट्रिपल आईटी, प्रस्तावित जजेज कॉलोनी, दो केन्द्रीय विद्यालय, आईटीबीपी कैंप, एयरपोर्ट। साथ ही यह कौशांबी बॉर्डर से जुड़ा है। इसलिए बड़ी संख्या में लोग इससे लाभन्वित होंगे।

इसलिए बड़ी सौगात

-शहर पश्चिमी की जनता का इलाज के लिए अभी तक अच्छी सुविधा उपलब्ध नहीं है।

-सभी नामी गिरामी प्राइवेट हॉसिपटल सिविल लाइंस एरिया और आसपास हैं।

-मेडिकल कॉलेज और काल्विन हॉस्पिटल भी आबादी से दूर हैं।

नहीं है डॉक्टर्स की कमी

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मेले में लगाए गए कुल डॉक्टर्स में से 60 से 70 डॉक्टर्स सीएमओ ने खुद लगाए हैं। ऐसे में मेला खत्म होने के बाद इन डॉक्टर्स को सीधे हॉस्पिटल के साथ ही शिफ्ट कर दिया जाएगा। इनको लगाने से कोई नुकसान स्वास्थ्य विभाग को नहीं होगा।

एमओयू के मुताबिक मेले के बाद सेंट्रल हॉस्पिटल को कही दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना था। यह बेहतरीन ढांचा है और हमारी सोच है कि इसका फायदा शहर पश्चिमी की जनता को मिले। वहां लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं की मांग चल रही है। हमने स्वास्थ्य मंत्री को इस संबंध में प्रस्ताव भी बनाकर भेजा है।

-डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज