Book distribution का decentralized model अपनाएगी library

UG students को भी मिलेंगी किताबें, cinet hall में मिलेगी जगह

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी न्यू एकेडमिक सेशन 2017-18 से नए रोल में आ सकती है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी सेंट्रल लाइब्रेरी से स्नातक के स्टूडेंट्स को किताबें इश्यू किये जाने का प्लान है। एयू एडमिनिस्ट्रेशन का यह कदम स्टूडेंट्स की डिमांड के मद्देनजर है। इसके अलावा एयू में किताबों के बेहतर डिस्ट्रिब्यूशन के लिए डिसेंट्रलाइज सिस्टम को अमल में लाने का पूरा प्लान है।

आमरण अनशन तक हो चुका है

गौरतलब है कि एयू की सेंट्रल लाइब्रेरी से यूजी स्टूडेंट्स को किताबें नहीं इश्यू की जा रही हैं। इसके लिये आइसा जैसे संगठन कई बार आन्दोलन चला चुके हैं। आमरण अनशन तक हो चुका है। अब नये सेशन से यूजी के छात्रों को भी किताबें मिल सकें, इसके लिये तैयारियां जोरों पर हैं। अभी सेंट्रल लाइब्रेरी से केवल एमए के स्टूडेंट्स को ही किताबें इश्यू की जा रही हैं। किताबों के वितरण की बेहतर व्यवस्था को एडाप्ट करने के लिये एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके डिसेंट्रलाइजेशन का प्लान बनाया है।

Faculty wise distribution

नए प्लान के तहत न्यू सेशन से सेंट्रल लाइब्रेरी से एमए के अलावा आर्ट फैकेल्टी स्थित बीए के स्टूडेंट्स को किताबें दी जाएंगी। बीएससी, बीकॉम और लॉ स्टूडेंट्स को किताबें साइंस, कॉमर्स एंड लॉ फैकेल्टी से मिलेंगी। आर्ट फैकेल्टी में बीए की किताबों के वितरण के लिये अलग से सेंट्रल लाइब्रेरी को एक हॉल मुहैया कराया जाएगा। बता दें कि एमएससी और एमकॉम वालों को आलरेडी उनके फैकेल्टी से किताबें दी जा रही हैं। रिसर्च स्कालर्स को सेंट्रल लाइब्रेरी और उनके डिपार्टमेंट्स से किताबें दी जाती हैं।

हर साल 15 हजार नई किताबें

किताबों की बेहतर व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिये हर साल 15 हजार नई किताबें खरीदी जाएंगी। इसके अलावा साल में चार से पांच सौ नये जर्नल्स को ऑनलाइन किया जाएगा। छात्रों की यह भी शिकायत है कि कई ऐसे विभाग हैं, जहां लाइब्रेरी बंद ही रहती है। इन्हें भी अनिवार्य रुप से खोलना सुनिश्चित किया जायेगा। सेंट्रल लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन बीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि छात्रों की मांग को एयू एडमिनिस्ट्रेशन गंभीरता से ले रहा है। उनकी सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभागों में किताबों की समस्या न रहे। इसके लिये नई किताबें खरीदकर विभागों को दी जा रही हैं।

इन बातों पर करें गौर

सेंट्रल लाइब्रेरी रोजाना सुबह 08 से रात्रि 09 बजे तक खुली रहती है

इसकी टाइमिंग धीरे धीरे बढ़ाकर 24 आवर तक ले जाने का प्लान है

स्टॉफ की फुल स्ट्रेंथ आवश्यक, नियमित कर्मचारियों हैं काफी कम

अभी यहां एजेंसी के थ्रू इम्पलाईज को रिक्रूट करके लिया जा रहा है काम

तकरीबन साढ़े सात लाख किताबें, 26 हजार जर्नल हैं ऑनलाइन

इविवि की सेंट्रल लाइब्रेरी देश की चुनिंदा लाइब्रेरी में है एक

यहां रोजाना तीन से चार हजार स्टूडेंट्स करते हैं विजिट।

वर्ष 2007 तक करीब 150 छात्र ही करते थे विजिट

2017 तक के सफर में लाइब्रेरी में छात्रों के लिये सुविधायें बढ़ी हैं।

विभागों की लाइब्रेरी ओपन रहने का समय सुबह 09 से शाम 05 बजे तक है

तीस हजार छात्रों, टीचर्स और इम्पलाईज को किताबें इश्यू करना आसान काम नहीं है। लाइब्रेरी में स्टॉफ की काफी कमी है। वितरण व्यवस्था के विकेन्द्रीकृत मॉडल को अपनाना ही समाधान है।

बीके सिंह, लाइब्रेरियन सेंट्रल लाइब्रेरी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

यूजी वालों को बुक्स अवलेबल करवाने के लिये मांग चली आ रही है। इसके लिये सिर्फ बातें ही की जाती हैं। यूनिवर्सिटी को कई बार बजट का पैसा वापस करने के लिये यूजीसी से फटकार भी लगी है।

रणविजय विद्रोही, आइसा इकाई अध्यक्ष