------ --केंद्रीय ग्रामीण राज्य मंत्री रामकृपाल यादव मीडिया से हुए मुखातिब - 100 की बसावटों पर भी सड़क की नजर, बनेंगी 768 सड़कें - ईट की कमी से जूझ रही प्रधानमंत्री आवास योजना - डिजिटलाइजेशन से पकड़ में आए एक लाख से अधिक फर्जी जॉबकार्डधारी ---------- रांची : केंद्रीय ग्रामीण राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा है कि ग्रामीण विकास को केंद्र में रखकर काम कर रही सरकार झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का जाल बिछाएगी। संबंधित क्षेत्रों में सरकार की नजर न्यूनतम 100 की आबादी वाले बसावटों पर भी है। झारखंड के संबंधित इलाकों के लिए सड़क निर्माण की 768 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इसके तहत 1760 किलोमीटर ग्रामीण पथ का निर्माण होगा। शनिवार को होटल रेडिशन ब्लू ग्रामीण विकास की समीक्षा के बाद वे मीडिया से मुखातिब थे। पीएमएवाई में बेहतर कार्य केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)के तहत बेहतर कार्य हुए हैं। इससे इतर पीएमएवाई के तहत बड़ी संख्या में ली गई आवास निर्माण की योजनाओं के लिए ईट की समस्या उत्पन्न हो गई है। विभागीय पदाधिकारियों को इसके विकल्प ढूंढने तथा खान विभाग से समन्वय कर ईट निर्माण से जुड़े उद्यमियों के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया के सरलीकरण पर विमर्श करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2,30,855 आवासों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 70 हजार का निर्माण हो चुका है। 6 हजार किमी रूरल एरिया के रोड प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 6000 किलोमीटर ग्रामीण पथ का निर्माण लंबित है। निर्माण कार्य में लगे लोक उपक्रमों की शिथिलता की वजह से यह स्थिति हुई है। केंद्र इस पर गंभीर है। पिछले दिनों इस मसले पर लोक उपक्रमों से बात हुई है, निर्माण में अब तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में डीबीटी के माध्यम से 95 फीसद मजदूरी का भुगतान हो रहा है। इस प्रक्रिया से एक लाख से अधिक फर्जी जॉबकार्डधारी पकड़ में आए हैं। वित्तीय अनियमितता पर भी रोक लगी है। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अविनाश कुमार ने भी शिरकत की। --- इनसेट प्रति व्यक्ति 428 रुपये दे रही सरकार, गरीबी से मुक्त होंगी 50 हजार पंचायतें केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांव और ग्रामीणों के समेकित विकास पर सरकार की सीधी नजर है। पंचायत के एक-एक ग्रामीण पर सरकार 428 रुपये खर्च कर रही है। 14वें वित्त आयोग की राशि सीधे पंचायतों को भेजी जा रही है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है 2022 तक देश के 50 हजार पंचायतों को गरीबी से मुक्ति दिलाने का है। इस दिशा में सरकार योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है। --- ग्रामीण विकास के लिए अलग सर्वर पर केंद्र करेगा मशक्कत मंत्री ने कहा कि विभिन्न योजनाओं तथा उससे जुड़े लाभुकों के डिजिटलाइजेशन पर सरकार का जोर है। इससे सेंट्रल सर्वर पर जोर पड़ रहा है। ऐसे में कुछ मामले में ग्रामीण विकास की योजनाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। शनिवार को हुई बैठक में अफसरों ने ग्रामीण विकास के लिए अलग सर्वर की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। चूंकि यह मामला अंतर्विभागीय है। इस मसले पर मंत्रालय स्तर पर बात होगी। पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। ---