आज होगी कैबिनेट मीटिंग

मोदी सरकार आज शाम होने वाली कैबिनेट मीटिंग में हाउंसिंग फॉर ऑल स्कीम पर अपनी मुहर लगा सकती है. इस स्कीम के तहत साल 2022 तक देश के हर परिवार को उसका अपना घर देने की योजना बनाई गई है. सरदार पटेल नेशनल हाउसिंग मिशन के तहत 2 करोड़ परिवारों को घर देने का लक्ष्य बनाया गया है. इस मिशन में 13 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी. इसके अलावा कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मीटिंग में रॉ शुगर एक्सपोर्ट पर सब्सिडी दिए जाने पर फैसला लिया जा सकता है. इसके तहत 14 लाख टन रॉ शुगर एक्सपोर्ट पर 4000 रुपये प्रतिटन के हिसाब से सब्सिडी दी जा सकती है. उल्लेखनीय है कि 248 लाख घरेलु खपत के बाद 14 लाख टन रॉ शुगर सरप्लस है. पिछले साल 40 लाख टन रॉ शुगर को सब्सिडी दी गई थी.

पीपीपी मॉडल को मिलेगा बढ़ावा

मोदी सरकार ने सरदार पटेल नेशनल हाउसिंग मिशन जैसी खर्चीली योजना को अमली जामा पहनाने के लिए पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसके तहत स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज में भी छूट दी जा सकती है. इस योजना के अनुसार आगामी सात सालों बाद भारत में किसी भी परिवार को रहने के लिए घर की कमी नहीं होगी. रियल इस्टेट लॉबी CREDAI के मुताबिक देश की हाउसिंग ग्रोथ और इकॉनोमिक ग्रोथ में गहरा संबंध है. इसके अनुसार देश के हाउसिंग सेक्टर में बूम आने से जीडीपी में भी बूम आएगा. इसके अलावा CREDAI ने मोदी सरकार को हाउसिंग फॉर ऑल मिशन के तहत कुछ सुझाव दिए हैं. आइए जानें क्या हैं यह सुझाव...

सुझाव नंबर 1 - मोदी सरकार को अफोर्डेबल हाउसिंग और रेंटल हाउसिंग पर बनाई गईं टास्क फोर्सेस की रिपोर्ट को अमल में लाना चाहिए.

सुझाव नंबर 2 - मोदी सरकार को हाउसिंग सेक्टर द्वारा लिए जाने वाले उधार पर ब्याज कम करना चाहिए. इसके साथ ही डेवलपर्स के लिए लोन आसानी से अवेलेबल कराने की सुविधा होनी चाहिए. इसके अलावा अफोर्डेबल हाउसिंग के क्षेत्र में एफडीआई के लिए जरूरी मानक 50000 स्केवयर मीटर्स और 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर को हटाना चाहिए. इस क्षेत्र में ऑटोमेटिक एक्सटरनल बॉरोइंग होनी चाहिए. नेशनल हाउसिंग बैंक द्वारा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को बड़ी मात्रा में रिफाइनेंस करना चाहिए.

सुझाव नंबर 3 - CREDAI कहता है कि देश में पर्यावरणीय कारणों के चलते 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश अटका पड़ा है. इसलिए सरकार को गैर जरूरी पर्यावरणीय मानकों को हटा देना चाहिए.

सुझाव नंबर 4 - सरकार को हाउसिंग सेक्टर पर करभार कम करना चाहिए. इस समय हाउसिंग यूनिट्स पर लगने वाला टैक्स कभी-कभी पूरी यूनिट की कॉस्ट का 35 परसेंट तक हो जाता है.

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