RANCHI : किसी ने एक-एक सौ रुपए संजोकर, तो किसी ने बड़े अरमानों के साथ सोने की चेन बनवाई। लेकिन, चमकते और आकर्षित करतीं ये सोन की चेन लोगों का चैन भी उड़ा सकती हैं। कुछ ऐसा ही आलम इन दिनों रांची शहर का है। गले में पड़े सोने की चेन लोगों का चैन छीन रही हैं, जिनमें खासकर महिलाएं शामिल हैं। महिलाओं के साथ हो रही चेन छिनतई की घटना दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। चेन से जुड़ी यादों को कुछ महिलाओं ने आई नेक्स्ट से शेयर किया और बताया कि कैसे चेन के साथ उनके सपने भी छिन गए।

नाम : मीता सिंह

पता : बरियातू हाऊसिंग कॉलोनी

घटना : पिछले साल 16 नवंबर मीता के लिए वो अनलकी दिन था, जिस दिन उनसे उनकी लकी सोने की चेन छिन गई। इस दिन दोपहर के वक्त मीता रिम्स से दवा लेकर लौट रही थीं। रिम्स से आगे बढ़ते ही उनके साथ चेन स्नैचर्स हो लिए, लेकिन मीता को इस बात का जरा भी इल्म ना था। सुनसान देखकर बाइक पर सवार तीन लड़कों ने उनकी चेन छीनकर फरार हो गए। मीता इस घटना को बताते हुए बिल्कुल मायूस हो जाती हैं। वह चेन उनके हसबैंड ने उनके फ्लैट के गृहप्रवेश के दिन उन्हें गिफ्ट की थी। चेन के पहनते ही काफी कुछ मीता के लिए फेवर में हुआ था। मीता बताती हैं- मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि लाइफ की लकी चेन झटके में छिन जाएगी। यह वो चेन थी, जिसे मेरे हसबैंड ने एक-एक पैसे संजोकर बनवाई और बहुत ही खास दिन पर सरप्राइज दिया था।

नाम : ममता

पता : मेन रोड

घटना : मेन रोड की ममता इस साल के जनवरी महीने को कभी भूल नहीं पाएंगी। ठंड की शाम के वक्त मेन रोड से गुजरते वक्त ममता और उनकी फ्रेंड पर कुछ लड़कों ने अटैक किया। इस घटना से दोनों घबरा गईं, जब तक ठीक से कुछ समझ पातीं, तब तक ममता की फ्रेंड के गले का सोने का मंगलसूत्र गायब हो चुका था। मंगलसूत्र छिनने की इस घटना से ममता की फ्रेंड काफी हताश हो गईं। ममता बताती हैं- मिडिल क्लास होने की वजह से बार-बार सोने की चेन या मंगलसूत्र बनवाना मुमकिन नहीं है। मंहगाई में अब उतनी भारी चेन बनवाने की हिम्मत शायद ही हो पाएगी। चेन के साथ-साथ शादी से जुड़ी यादों को भी चोट पहुंची क्योंकि वो लाइफ का पहली और सबसे अनमोल चेन थी, जिसे उसने बीस सालों से संजोए रखा था।

डर लगता है बाहर जाने में

सोने की चेन, हार, कंगन या कान की बाली को पहनकर बाहर निकलना अब मुमकिन नजर नहीं आता। खुलेआम बढ़ती छिनतई और इससे बढ़ रहे असुरक्षा के माहौल की वजह से कई लोगों ने मॉर्निग और ईवनिंग वॉक करना छोड़ दिया है। नारी शक्ति महिला संगठन की आरती बेहरा ने बताया- मॉर्निग या ईवनिंग वॉक करते वक्त अधिकतर महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। जुलाई में धुर्वा की एक महिला को ईवनिंग वॉक करते वक्त छेड़ा गया और उसके जेवर छीनने की कोशिश की गई। खुद को बचाने के क्रम में महिला को चोटें भी आईं। वही हाल मॉर्निग वॉक के वक्त का भी है।

डर से बढ़ा आर्टिफिशियल ज्वेलरी का बाजार

एक समय था जब सोने की मोटी-मोटी चेन शान से पहनकर लोग बाहर जाया करते थे। लेकिन, चेन छिनतई की बढ़ती घटना से डरकर लोगों ने सोना पहनना ही छोड़ दिया है। अब सोने की जगह आर्टिफिशियल गोल्ड प्लेटेड या गोल्ड लुक, ट्रेंडी और फैंसी ज्वेलरी जो लाइट हो, इन सबका बाजार परवान पर है। रोस्पा टावर, ग्राउंड फ्लोर पर मंगलसूत्र और माले पिरोनेवाले, अर्जुन को इन दिनों एक मिनट की भी फुर्सत नहीं है। सुबह नौ बजे से लेकर रात के आठ बजे अर्जुन की दुनिया पेंडेंट के साथ मंगलसूत्र बनाने या मोतियों के साथ गोल्ड लुक बॉल्स को पिरोने में बीत जाते हैं। एक दिन में अर्जुन लगभग तीस पीस तैयार करते हैं और कभी-कभी तो इससे भी ज्यादा। महज 100 रुपए से लेकर 170 रुपए तक के खर्च में महिलाएं अर्जुन के पास मंगलसूत्र बनवा रही हैं। पिछले कुछ दिनों में इस तरह की मालाएं बनवाने का ट्रेंड परवान पर है। अर्जुन बताते हैं कि अब महिलाओं के साथ-साथ कम उम्र की लड़कियां भी हल्के मोती के साथ या गोल्ड लुक के आर्टिफिशियल चेन पहनने में इंटरेस्टेड हो गई हैं। असुरक्षित महसूस करती हर क्लास की महिलाएं हर रोज यहां मालाएं बनवाने आती हैं। अधिकतर महिलाएं जर्नी या कहीं बाहर जाने के लिए ऐसी माला ऑर्डर कर रही हैं, क्योंकि सोने के आइटम अब सिर्फ फैमिली फंक्शन में ही पहनना प्रेफर करती हैं।