क्या करते हैं अपराध

क्राइम ब्रांच की मानें तो किचक गैंग के कई मेंबर्स एक साथ शहर में एंट्री करते हैं। वे रेंट पर रूम लेकर रहते हैं। उनके साथ बच्चे भी शामिल होते हैं। कुछ लड़के सिर्फ स्नैचिंग का काम करते हैं। बैंक के अंदर व बाहर से वे पैसा लेकर निकलने वालों को ट्रेस करते हैं। अगर कोई सीनियर सिटीजन या महिला दिख जाए तो उसका पीछा करते है। बैंक से अपने साथियों को उसका हुलिया और गाड़ी का नंबर बता देते हैं। फिर मौका मिलते ही पर्स या बैग छीन कर भाग जाते हैं। कुछ इसी तरह इनके साथी टप्पेबाजी के मास्टर होते हैं। टप्पेबाजी करने वाले सबसे स्मार्ट होते हैं। वे बच्चे के साथ निकलते हैं। शहर के पॉश एरियाज में खानाबदोश की तरह घूमते हैं। ऐसे किसी फोर व्हीलर गाड़ी की तलाश करते हैं जिसके अदंर उन्हें कोई बैग दिख जाए। फिर बड़ी आसानी से वे कार का शीशा तोड़कर या खोल कर उसमें रखा बैग उड़ा देते हैं। लास्ट इयर सिविल लाइंस एरियाज में दर्जनों घटनाओं में ऐसा ही हुआ था जिसमे लाखों रुपए लोगों ने गवां दिए थे। पुलिस किसी भी केस का खुलासा नहीं कर पायी थी। क्राइम ब्रांच के हत्थे भी सिर्फ स्नैचिंग करने वाले गैंग के तीन-चार मेम्बर्स ही चढ़े थे।

सरगना का अब तक पता नहीं

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक इस गैंग का मास्टर माइंड जवाहर है। वह अपने साथ हर बार नए नए लड़कों को बतौर जॉब की तरह शामिल करता है। जवाहर इतना शातिर है कि हर बार वह पुलिस की नजरों से बच जाता है। बिहार के कटिहार का रहने वाले जवाहर के कई साथियों को क्राइम ब्रांच अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। मार्च में क्राइम ब्रांच ने जवाहर के साथी वीर, जसवंत, राकेश और शिवम को अरेस्ट कर जेल भेजा था। एक बार फिर इनकी सुरागरसी में पुलिस जुट गई है।