RANCHI :रांची में हर एक दो दिन में चेन स्नैचर्स द्वारा चेन छिनतई की घटनाओं से परेशान लोगों के साथ ही अब महिला पुलिसकर्मियों ने भी चेन पहनना छोड़ दिया है। वे चेन छिनतई की डर से सूना गला लेकर घर से बाहर निकल रही हैं। जो महिला पुलिसकर्मी चेन पहनकर ऑफिस जाती थीं, उनमें चेन स्नैचर्स का खौफ दिख रहा है।

तो महिलाएं कैसे रहेंगी सुरक्षित

रांची के एक थाने में पोस्टेड महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि कुछ दिन पहले घर लौटते समय उनकी चेन छीन ली गई थी। न तो चेन बरामद हुई और न ही आरोपी पकड़े गए। ऐसे में दोबारा चेन पहनने की हिम्मत नहीं हुई। इस घटना के बाद रांची के विभिन्न थानों में पोस्टेड महिला पुलिसकर्मियों ने चेन पहनने से तौबा कर लिया है। महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि जब वे खुद सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाएं कितनी सुरक्षि्ात रहेंगी।

नहीं पकड़े गए हैं कई आरोपी

दो मई को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में पोस्टेड डीएफओ मधुकर की पत्नी प्रीतिबाला से हरमू बिजली ऑफिस के पास तीन क्रिमिनल्स चेन छीनकर फरार हो गए। डीएफओ ने क्रिमिनल्स का पीछा भी किया था, लेकिन क्रिमिनल्स हाथ नहीं आए। बताया जाता है कि प्रीतिबाला पति के साथ ऑटो से गाड़ीखाना की ओर लौट रही थीं। इसी क्रम में एक बाइक पर सवार तीन युवक वहां पहुंचे और प्रीतिबाला की चेन छीनकर फरार हो गए।

चेन और मंगल-सूत्र की लूट

पिछले महीने सिटी में चेन स्नैचिंग की दो घटनाएं घटीं। चेन स्नैचर्स ने क्फ् अप्रैल को लालपुर थाना में पोस्टेड एक महिला पुलिसकर्मी सुधा देवी की चेन छीनी और फरार हो गए। सुधा के साथ यह घटना तब घटी, जब वह ड्यूटी पूरी कर बर्दवान कंपाउंड स्थित अपने घर जा रही थीं। उसी वक्त एक बाइक पर सवार दो क्रिमिनल्स वहां पहुंचे और उनके गले से चेन झपटकर फरार हो गए। वहीं, क्म् अप्रैल को ब्भ् वर्षीय रूबी दास का मंगलसूत्र दो क्रिमिनल्स ने छीन लिया और फरार हो गए। घटना लेक एवेन्यू के पास सुबह पांच बजे हुई थी। रूबी दास मॉर्निग वॉक के लिए निकली थीं। जैसे ही वह डैम साइड पर पहुंचीं, एक बाइक पर सवार दो युवकों ने महिला को अपने कब्जे में किया और उनका ब्भ् ग्राम का मंगलसूत्र छीनकर फरार हो गए।

कहां चली जाती है लूट की चेन

रांची पुलिस ने हाल के दिनों में विजय सिंह और प्रमोद सिंह सहित कई चेन स्नैचर्स को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे भेजा है, जिससे पुलिस की सजगता सामने आती है। लेकिन बात जब चेन की रिकवरी की आती है तो पुलिस का दूसरा ही चेहरा सामने आ जाता है। लोगों को समझ में नहीं आता है कि पुलिस आखिर चेन की रिकवरी क्यों नहीं कर पाती है। चेन स्नैचर्स से पुलिस यह उगलवाने में फेल हो जाती है कि आखिर लूटी गई चेन को किसके पास बेचा गया है। कई मामलों में चेन स्नैचर्स प्रूफ नहीं मिलने के कारण छूट जाते हैं और फिर दोबारा चेन स्नैचिंग में जुट जाते हैं।

जेल से छूटने के बाद फिर वही धंधा

रांची पुलिस की गिरफ्त में आया चेन स्नैचिंग का एक आरोपी जब जेल से बाहर निकला, तो उसने फिर से चेन स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। जब पुलिस ने उसे दोबारा पकड़ा, तो उसने बताया कि प्रूफ नहीं होने के कारण अदालत से वह रिहा हो जाता है। फिर, वह अपने सहयोगियों के साथ चेन स्नैचिंग शुरू कर देता है। आज भी कई चेन स्नैचर्स जेल से बाहर हैं और समय-समय पर चेन स्नैचिंग की घटना को अंजाम देते हैं। पुलिस खानापूर्ति के लिए एफआईआर दर्ज कर लेती है और बैठ जाती है।