एचबीटीआई में एक प्राइवेट फर्म से करीब 400 चेयर्स की सप्लाई मांगी गयी थी। इंस्टीट्यूट सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार चेयर सप्लाई करने वाली फर्म ने काफी सस्ते दाम में सब-स्टैंडर्ड चेयर्स दे दीं लेकिन इंस्टीट्यूट से इनके बढ़े हुए रेट ही वसूले जा रहे थे। लेकिन, ये सारा ‘खेल’ आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने ‘फेल’ कर दिया। चेयर की पहली खेप इंस्टीट्यूट आई और उन्हें बिलकुल नए जैसा दिखाने के लिए ब्लैक कलर से पेंट भी किया जाने लगा। मामले की भनक लगने पर बीती 8 अक्तूबर को आई नेक्स्ट रिपोर्टर कैंपस पहुंचा और वहां पर चेयर्स की कंडीशन देखी। इसके बाद इंस्टीट्यूट में चल रहे चेयर के इस ‘खेल’ को अपने कैमरे में कैद कर लिया।

यहां से भाग जाओ, वर्ना

आई नेक्स्ट रिपोर्टर को चेयर्स की कंडीशन की फोटो लेता देख वहां पर मौजूद इंस्टीट्यूट का एक फोर्थ क्लास इम्प्लाई भिड़ गया। रिपोर्टर के साथ उसने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। लेकिन, रिपोर्टर ने उसे समझाने का प्रयास किया तो वो बोला किसकी परमीशन से फोटो खींच रहे हो। यहां कैसे घुस आए तुरंत निकल जाओ वर्ना वो हाल करूंगा कि याद रखोगे।

कोई जवाब देने को तैयार नहीं

मामला खुलने के बाद इन चेयर्स को सेम-डे ही रात में ट्रक बुलाकर उन्हें वापस कर दिया गया। कंसन्र्ड ऑफिशियल्स की इस हरकत से शक और भी गहरा हो जाता है कि आखिरकार ऐसी कौन सी वजह थी कि रात में ही सभी चेयर्स को वापस कर देना पड़ गया। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कंसन्र्ड आफिशियल्स से इसका कारण भी जानने की कोशिश की। लेकिन, कोई भी इसका साफ-सुथरा जवाब देने को तैयार नहीं हुआ। फाइनेंस ऑफिसर से इस इश्यू पर बात की गई तो वो बोले कि जब फाइल आएगी तो चेक करेंगे। जब उनसे कहा गया कि आप भी तो चेयर्स पर पेंट होते देख रहे थे। तो वो कहने लगे कि वो तो टॉयलेट गए हुए थे।

जायजा लेने के बाद कमेंट करूंगा

इंस्टीट्यूट की इंस्पेक्शन कमेटी के सीनियर मेंबर वाईपी बाजपेयी से जब इस इश्यू पर बात की गयी तो वो बोले कि अभी इन चेयर्स का जायजा नहीं लिया। जब कमेटी देखेगी तभी इस पर कुछ कमेंट करुंगा। उनसे पूछा गया कि नई चेयर्स पर पेंट क्यों किया जा रहा था? इस पर उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया।

पेंट के डिब्बे जलाए

पकड़े जाने का डर एचबीटीआई के इन कंसन्र्ड ऑफिसर्स पर इस कदर हावी हो गया कि जिन डिब्बों में ब्लैक पेंट कुर्सी के लिए लाया गया था, उन डिब्बों तक को जला दिया गया। हालांकि, बाद में भी रिपोर्टर ने वहां जाकर इंस्पेक्शन किया तो बरामदे मेंं पेेंट के स्पॉट मिल गए। यानि, घोटाले की कोशिश तो की गयी, लेकिन हाथ की सफाई नहीं दिखा पाए।

"चेयर परचेजिंग के बारे में इंस्पेक्शन कमेटी के चेयरमैन ने मुझसे चर्चा की और कंडीशन मुझे बतायी। इस पर तत्काल चेयर्स वापस करने का फरमान जारी कर दिया। चेयर्स की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस मैटर की जांच करायी जाएगी कि आखिर ऐसी चेयर्स आई ही क्यों और ये सब किसके इशारे पर हुआ है। जांच में जो भी दोषी होगा उसे दंडित किया जाएगा."

      प्रो। जेएसपी राय, डायरेक्टर एचबीटीआई