- कम्युनिटी सेंटर में किया गया कार्यशाला का आयोजन

- जांच केंद्र पर फुल टाइम रहना होगा हेड एग्जामिनर को

- हर सब्जेक्ट के एक्सपर्ट ने दिए कापी चेक करने के टिप्स

PATNA: इंटर की परीक्षा समाप्त हो गई है। अब कॉपी के मूल्यांकन की बारी है। हर बार की तरह इस बार भी बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने मंडे से एग्जामिनर के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत की गई। कार्यशाला तेरह मार्च तक चलेगा। प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विषयों के हेड एग्जामिनर को संबंधित विषय के एक्सपर्ट कॉपी चेक करने के तरीके, मार्किंग के तरीके आदि से अवगत कराएंगे। मंडे को फिजिक्स विषय के कॉपी की जांच के तरीके बताये गए, बाकी बचे दिनों में केमेस्ट्री, बायोलॉजी और मैथ का प्रशिक्षण दिया जाना है।

प्रशिक्षण में नहीं पहुंचे एग्जामिनर

बोर्ड की ओर से तकरीबन पांच सौ एग्जामिनर के लिए व्यवस्था की गई थी। इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए ही बोर्ड ऑफिस के पास स्थित एक कम्युनिटी सेंटर में कार्यशाला का आयोजन किया गया। पहले दिन की कार्यशाला में बोर्ड के चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह, सेक्रेटरी निवास चंद्र तिवारी और फिजिक्स के दो प्रोफेसर भी मौजूद थे। पिछले साल कॉपी जांचने में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। वैसे स्टूडेंट भी यहां फेल हो गए थे, जिन्होंने एम्स क्वालीफाई किया था। ऐसी गड़बडि़यां दुबारा न हो इसके लिए बोर्ड ने एग्जामिनर के प्रशिक्षण के लिए व्यापक पैमाने पर अरेजमेंट किया था। बोर्ड के चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि इसलिए भी इंम्पार्टेट है ताकि टीचर यह जान सके कि मूल्यांकन कैसे करना है। उन्होंने कहा कि उपस्थिति देखकर मैं निराश नहीं हूं। हमने लगभग पांच सौ लोगों की व्यवस्था की थी, लेकिन जो आये हैं वहीं यहां से सीख कर जायें और अपने सहयोगियों से बेहतर काम लें। सिंह ने कहा कि हम आने वाले एग्जामिनर को भत्ता नहीं दे रहे हैं शायद इसलिए भी लोग कम आये हैं।

न करें गलत मार्किंग

कार्यशाला के दौरान आये हुए एग्जामिनर को बताया कि कैसे फिजिक्स सबजेक्ट में कॉपी की मार्किंग की जाए। फिजिक्स के एक्स्पर्ट ने बताया कि अगर दो नंबर के सवाल में स्टूडेंट आंसर के नियर अबाउट भी जवाब देता है तो उसे पूरा मा‌र्क्स दें। साथ ही यह भी बताया गया कि अगर स्टूडेंट दो नंबर के सवाल में सिर्फ फार्मूला भी लिख देता है तो उसे पूरा नंबर मिलना चाहिए। वहीं पांच नंबर के सवाल के लिए बताया गया कि अगर क्वेश्चन से रिलेटेड कुछ भी लिखा हुआ है, तो कुछ मा‌र्क्स तो दिया ही जाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर सवाल फार्मूला स्टैबलिश करने को कहा जाता है और स्टूडेंट आंसर लिखते वक्त एक दो स्टेप भूलकर भी रिजल्ट तक पहुंच जाता है तो उसे पूरा मा‌र्क्स दिया जा सकता है। कार्यशाला के दौरान चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि किसी भी कीमत पर गलत मार्किंग नहीं की जानी चाहिए। सिंह ने यह हिदायत भी दी कि हेड एग्जामिनर पूरे दिन सेंटर पर मौजूद रहें।