15 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन और 6 ने विरोध में किया मतदान

उपाध्यक्ष दरवेश सिंह को सौंपा गया अध्यक्ष का कार्यभार

ALLAHABAD: चार महीने के भीतर ही सदस्यों ने यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष अनिल प्रताप सिंह को पद से हटा दिया है। उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 15 और विरोध में सिर्फ छह वोट पड़े। अविश्वास प्रस्ताव में मात देने के बाद उपाध्यक्ष दरवेश सिंह को अध्यक्ष का कार्यभार सौंप दिया गया है। शनिवार को बार कौंसिल के सचिवव/निर्वाचन अधिकारी डॉ रामजीत सिंह यादव ने इसकी घोषणा की।

अकेले फैसला लेना बना कारण

बता दें कि यूपी बार कौंसिल का चुनाव इसी साल जुलाई में हुआ था। इसमें लखनऊ के अधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह को अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया था। बार कौंसिल के नियमों के अनुसार सदस्यों का कार्यकाल पांच साल का होता है और अध्यक्ष का एक साल का। सदस्य अगले साल नए अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। लेकिन, यहां छह महीना पूरा होने से पहले ही अध्यक्ष को हटा देने की नौबत आ गई। इसका कारण अध्यक्ष द्वारा लिए गए फैसले हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों का आरोप था कि अध्यक्ष ने बगैर उन्हें कांफीडेंस में लिए यह फैसले लिए हैं जो कहीं से भी उचित नहीं हैं। शनिवार का दिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए तय हुआ था। इसके चलते शनिवार को बार कौंसिल में गहमा गहमी का माहौल था। इस दौरान कुल 22 सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 15 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया जबकि छह ने इसका विरोध। एक वोट को अवैध घोषित कर दिया। अविश्वास प्रस्ताव में अनिल प्रताप के मात खाने के बाद यह जिम्मेदारी उपाध्यक्ष दरवेश सिंह को सौंप दी गई।