चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर घरों से लेकर मंदिरों में कन्याओं का किया गया पूजन

मठ बाघम्बरी, कल्याणी देवी और ललिता देवी मंदिर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ का हुआ समापन

ALLAHABAD: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मंगलवार को मां भगवती के आठवें स्वरूप महागौरी का पूजन अर्चन किया गया। घरों से लेकर मंदिरों में कुंवारी कन्याओं का पूजन किया गया तो माता रानी के मनोहारी श्रृंगार का दर्शन करने के लिए मंदिरों में आस्था की भीड़ उमड़ी। मठ बाघम्बरी गद्दी, कल्याणी देवी व ललिता देवी मंदिर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के समापन पर दर्जनों भक्तों ने आहुतियां डालकर देश में शांति और समृद्धि की कामना की गई।

108 कन्याओं का पूजन

कल्याणी देवी मंदिर में 108 कन्याओं का पूजन किया गया। पं। श्यामजी पाठक की अगुवाई में उनका पांव धुला गया और कुमकुम लगाया गया। इसके बाद आसन पर बैठाकर हलवा-पूड़ी खिलाकर दक्षिणा दी गई। यही नजारा ललिता देवी मंदिर के परिसर में दिखाई दिया, जहां 51 कन्याओं का पूजन किया गया। मां खेमामाई मंदिर के परिसर में 11 कुंवारी कन्याओं का पूजन विधि विधान से हुआ।

भंडारे का दौर जारी रहा

देवी मंदिरों में महायज्ञ के समापन और कन्या पूजन के बाद भंडारे का भी दौर खूब चला। देर शाम तक भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने के लिए भक्त मंदिर पहुंचते रहे। शतचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। मठ बाघम्बरी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की अगुवाई में चल रहे शतचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई।