ALLAHABAD: आदि शक्ति मां भगवती की अराधना के सबसे पावन दिनों यानी नवरात्र की शुरुआत इस बार 18 मार्च से हो रही है। ऐसा लगातार चौथा साल है जब चैत्र नवरात्रि आठ दिनों की होगी। साल 2015 से लेकर 2017 तक अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ी थी। इस बार भी नवमी तिथि का क्षय होने की वजह से 25 मार्च यानि रविवार को सुबह 7.03 बजे तक अष्टमी तिथि होगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। ज्योतिषाचार्य पं। विनय कृष्ण तिवारी ने बताया कि तिथि में घट- बढ़ की वजह से ऐसा हो रहा है कि चैत्र की नवरात्रि चौथे साल भी आठ दिनों की होगी।

 

सर्वार्थ सिद्धि योग में घट स्थापना

इस बार चैत्र की नवरात्रि का शुभारंभ और समापन दोनों रविवार के दिन होगा। खास बात ये है कि 18 मार्च को रविवार पड़ रहा है और उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग का मान सूर्योदय से लेकर रात को 8.18 बजे तक रहेगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि प्रतिपदा तिथि 17 मार्च को लग जाएगी लेकिन उदया तिथि की वजह से 18 मार्च को कलश स्थापना का शुभ अभिजीत मुहूर्त सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर बारह बजे तक श्रेष्ठ फलदायी होगा।

 

नोट

- सर्वार्थ सिद्धि योग में नवरात्रि का शुभारंभ 18 मार्च और समापन 25 मार्च यानि दोनों रविवार के दिन ही होगा।

- 25 मार्च रविवार को नवमी तिथि में ही नवरात्रि संबंधित हवन-पूजन सुबह 7.03 बजे बजे के बाद किया जा सकता है।

- नौ दिनों तक व्रत रखने वाले भक्त नवरात्रि का पारण 26 मार्च को दशमी तिथि में सुबह नौ बजे तक करेंगे।

 

चैत्र माह की नवरात्रि की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही है। इसे अपने आप में ही भक्तों की मनोकामना पूर्ति करने वाला माना जाता है। ऐसा संयोग लगातार दूसरी बार बन रहा है।

दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली, निदेशक उत्थान ज्योतिष संस्थान

 

शास्त्रों में चैत्र की नवरात्रि का समय बहुत ही भाग्यशाली माना गया है। जब दो तिथियां एक साथ आती हैं तो एक तिथि का क्षय होता है। इसीलिए लगातार चौथे साल नवमी तिथि के क्षय की वजह से आठ दिनों तक घरों में मां भगवती विराजेंगी।

पं। विद्याकांत पांडेय, ज्योतिषाचार्य