>RANCHI: स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने शनिवार को राज्य भर में चक्का जाम कर दिया। सबसे पहले लालपुर चौक पर एबीवीपी के कार्यकत्ताओं ने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। सड़कों पर टायर जलाया और गाडि़यों को भी रोका गया। इसके बाद सभी एबीवीपी मेंबर्स फिरायालाल चौक पर जमा हुए और नारेबाजी की। इस दौरान मेन रोड जाम हो गया। प्रशासन ने लगभग ख्00 कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया और कोतवाली थाने ले गई, जहां से कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

इन मुद्दों पर हुआ चक्का जाम

-निजी स्कूलों के संचालन के लिए सरकार झारखंड स्कूल एक्ट ख्0क्भ् के लिए अविलंब अध्यादेश लाए।

-सभी निजी स्कूलों में शुल्क निर्धारण सरकारी स्तर से सुनिश्चित हो

-सभी निजी स्कूलों में पाठ्यक्रम, सभी प्रकार के शुल्क में एकरूपता लाई जाए

-जेट का अविलंब गठन किया जाए, जो पांच सदस्यीय ट्रिब्यूनल हो। इसमें एक-एक मेंबर न्यायिक व प्रशासनिक तथा तीन शिक्षाविद शामिल किए जाएं।

-सरकार अपनी शिक्षा नीति लाए, जिसमें सरकारी, गैर सरकारी एवं अल्पसंख्यक विद्यालय भी शामिल हों।

-निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए बनी नेशनल एडवाइजरी काउंसिल की तर्ज पर स्टेट गवर्नमेंट एडवाइजरी काउंसिल का गठन हो। इसकी शाखा हर जिले में हो।

-जब सभी स्कूलों में सीबीएसई व आईसीएसई सिलेबस लागू है, तो पुस्तक प्रकाशन अलग-अलग क्यों। सरकार अपने प्रकाशन से छात्रों को पुस्तक उपलब्ध कराए।

-आरटीई को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। सभी प्रकार के स्कूलों में आरटीई का पालन सुनिश्चित हो।

- क्या तथाकथित अल्संख्यक स्कूल आयोग के मानक पर खड़ा उतर रहे हैं। इसकी जांच हो।

-सरकार प्रतिवर्ष धार्मिक, भाषाई, अल्पसंख्यक स्कूलों को कितनी सहायता राशि देती है। इसे सार्वजनिक किया जाए।

क्या कहते हैं गार्जियन

स्कूलों की मनमानी नहीं चलने देंगे। हम लोग काफी मजबूर होकर सड़क पर उतरे हैं।

-मोहम्मद तनवीर

हर साल फीस बढ़ जा रही है, जिसका कोई हिसाब ही नहीं है। पता नहीं कई तरह की फीस वसूल कर हमारी जेब काटी जा रही है।

-शाहनवाज

बच्चों को पढ़ने के लिए बेहतर स्कूल सेलेक्ट किया था, जिसका फायदा स्कूल प्रबंधन मनमानी फीस वसूल कर उठा रहा है। यह नहीं चलेगा।

-विवेक घोष

स्कूलों की मनमानी कब बंद होगी, समझ में नहीं आ रहा। अगर फीस बढ़ानी है तो कम से कम हर साल न बढ़ाएं।

-लोकेश्वर प्रसाद