उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में लागू हुई रोटेशन की व्यवस्था

चलो मन गंगा यमुना तीर के लिए कलाकारों को दिया जाएगा मौका

ALLAHABAD: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में निजाम बदलने के साथ ही कलाकारों को प्रोग्राम दिए जाने की नई व्यवस्था लागू की गई है। केन्द्र के निदेशक इंद्रजीत सिंह ग्रोवर ने पदभार संभालते ही यह स्पष्ट कर दिया था कि केन्द्र के जरिए होने वाले आयोजनों में रोटेशन के हिसाब से कलाकारों को प्रस्तुतियां दी जाएगी। यही वजह है कि रोटेशन सिस्टम का पहला प्रयोग माघ मेले के दौरान होने वाले चलो मन गंगा यमुना तीर जैसे सांस्कृतिक समारोह में करने का निर्णय लिया गया है।

13 से लगेगा कलाकारों का मेला

सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से मेले के दौरान प्रतिवर्ष परेड ग्राउंड में चलो मन गंगा यमुना तीर का आयोजन किया जाता है। इस बार सांस्कृतिक समारोह का आगाज 13 जनवरी को होने जा रहा है। समारोह में चार चांद लगाने के लिए पद्म श्री से सम्मानित 80 वर्षीय भरत नाट्यम की प्रख्यात कलाकार सरोज वैद्यनाथन अपनी बीस सदस्यीय टीम के साथ नमामि गंगे पर आधारित नृत्य नाटिका की पहली बार प्रस्तुति देने आ रही हैं। खेरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति व प्रख्यात कथक नृत्यांगना डॉ। मांडवी सिंह विश्वविद्यालय की छात्राओं की टीम लेकर तो गंगा अवतरण पर केन्द्रित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देने के लिए पहुंचेंगी।

एनसीजेडसीसी का आयोजन

सांस्कृतिक केन्द्र के अन्तर्गत लोक कलाकारों व शास्त्रीय नृत्य के कलाकारों की कुल संख्या पांच हजार है

चलो मन गंगा यमुना तीर का आयोजन 13 से 22 जनवरी तक किया जाएगा।

इस बार के चलो मन गंगा यमुना तीर में साढ़े तीन सौ लोक कलाकारों व एक दर्जन शास्त्रीय नृत्य के नए कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।

पिछले वर्ष सांस्कृतिक आयोजन के दौरान ढ़ाई सौ कलाकारों के जरिए गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुतियां कराई गई थी।

पद संभालने के बाद देखा कि यहां पर चुनिंदा कलाकारों को ही प्रोग्राम दिया जाता था। इस व्यवस्था को समाप्त करके अब रोटेशन सिस्टम लागू किया गया है। इसी के आधार पर चलो मन गंगा यमुना तीर जैसे सांस्कृतिक आयोजन में पहली बार कई जानेमाने कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।

इंद्रजीत सिंह ग्रोवर,

निदेशक उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र