JAMSHEDPUR: परांपरागत खुदरा व्यापार पर आए संकट के खिलाफ और वालमार्ट व ई-कॉमर्स कंपनियों के विरोध में 28 सितंबर को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से आहूत भारत व्यापार बंद के समर्थन में जमशेदपुर में भी व्यापार पूरी तरह से बंद रहेगा।

मंगलवार को चैंबर भवन बिष्टुपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया और सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अशोक भालोटिया ने कहा कि कोई भी व्यापारी किसी वस्तु को उपभोक्ता को बेचता है तो वह खुदरा व्यापार की श्रेणी में आता है। आज भारत में लगभग 6:5 करोड़ व्यापारी हैं जो 85 प्रतिशत भागीदारी के साथ देश की जीडीपी में 45 प्रतिशत योगदान करते हैं। लगभग 40 करोड़ अकुशल श्रमिकों का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराते हैं। देश के खुदरा व्यापार पर कब्जा करने के लिए वालमार्ट व ई-कॉमर्स कंपनियां लास फंडिंग, डीप डिस्काउंट, प्रीडेटरी प्राइसिंग के हथकंडे अपनाएंगी। ये कंपनियां सीधे तौर पर भारत के खुदा बाजार और व्यापारियों को समाप्त करने पर तुली हैं।

सरकार को सोचना चाहिए

उन्होंने कहा कि सरकार को इन कंपनियों के लिए रेड कारपेट बिछाने से पहले यह सोचना चाहिए कि भारत का व्यापारी सिर्फ धन कमाकर टैक्स ही जमा नहीं करता, बल्कि सामाजिक कार्यो जैसे सूखा, बाढ़, गर्मी प्याऊ, पौधरोपण, धर्म-कर्म आदि में शारीरिक व आर्थिक मदद करता है। क्या ऐसे मौकों पर विदेशी कंपनियों ने सरकारी कोष में धन दिया है। इसलिए सभी व्यापारी एकजुट हैं और व्यापार बंद पूरी तरह से सफल होगा।

बंद का समर्थन किया

पत्रकार वार्ता में सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स, स्वदेशी जागरण मंच, ज्वेलर्स एसोसिएशन, डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, मोबाइल डीलर एंड वेलफेयर एसोसिएशन, थोक वस्त्र विक्रेता संघ, व्यापार मंडल, साकची रिटेल मर्चेट वेलफेयर एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन, नेशनल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, बिल्डर एसोसिएशन, मोटर्स पा‌र्ट्स डीलर एसोसिएशन व प्लाइवुड एंड हार्डवेयर विक्रेता संघ आदि संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे और बंद को समर्थन किया।

कांग्रेस का समर्थन

प्रदेश कांग्रेस कमेटी व्यापार एवं उद्योग प्रकोष्ठ के को-चेयरमैन कमल किशोर अग्रवाल ने कहा कि कैट की ओर 28 सितंबर को आहूत भारत व्यापार बंद को कांग्रेस का पूर्ण समर्थन है। उन्होंने कहा कि 2014 में अपने चुनावी अभियान में एक करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार 46 करोड़ लोगों को भुखमरी के कगार पर पहुंचाने पर तुली है। वालमार्ट और अन्य विदेशी कंपनियों को देश में व्यापार करने की अनुमति देने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होने वाली है। विश्व में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। विदेशी कंपनियों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है और हर हथकंडा अपना कर इसे हथियाना चाहती हैं। विदेश में कर्ज पर ब्याज 0 से 2.5 प्रतिशत है जब कि भारत में 11 से 18 प्रतिशत। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, शॉप एंड स्टेब्लिशमेंट एक्ट, लेबर एक्ट, पैकेजिंग एंड मेजरमेंट एक्ट जैसे अव्यावहारिक कानून भी खुदरा व्यापारियों के ऊपर तलवार की तरह लटक रहे हैं। ऐसे परिस्थिति में खुदरा व्यापारी अपने अस्तित्व के लिए कब तक संघर्ष कर पाएंगे। स्वदेशी उत्पादों का दंभ भरने वाली भाजपा सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों को निवेश एवं व्यापार करने की अनुमति देने से क्या देश के लघु एवं कुटीर उद्योग का हित सुरक्षित रह पाएगा? क्या देश में उत्पादित वस्तुएं इस प्रतिस्पर्धा में रह पाएंगी? देश की अस्मिता, अस्तित्व, अपने परिवार और देश के भविष्य को बचाने के लिए यहां के लोगों को सड़क पर उतर कर कठिन संघर्ष करना जरूरी हो गया है और कांग्रेस उनके साथ है।