कहा एजेंडा-मिनट्स पता ही नहीं चलता

कन्फर्मेशन के लिए भी किया जाता है फोर्स

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में रविवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में रजिस्ट्रार रिटायर्ड कर्नल हितेश लव की सेवा समाप्त किए जाने के बाद से गहमागहमी है। कर्नल को विवि से निकाले जाने से विश्वविद्यालय का एक वर्ग खासा खफा है। कार्य परिषद की बैठक में तीन महत्वपूर्ण सदस्यों ने इस फैसले की खिलाफत की है। इनमें से एक वरिष्ठ कार्य परिषद सदस्य प्रो। सीएल खेत्रपाल (चांसलर नॉमिनी) के इस्तीफे की चर्चा भी जोरों पर चल रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने प्रो। खेत्रपाल से बात की तो उन्होंने कई चौकाने वाली बातें बताई।

ऐसी बैठकों में आने का क्या फायदा

प्रो। सीएल खेत्रपाल ने कहा कि अभी उन्होंने इस्तीफा दिया नहीं है। लेकिन ऐसी बैठकों में आने से क्या फायदा? जिसमें ज्यादातर मेम्बर्स कुलपति की हां में हां मिलाते हों। उन्होंने कहा कि कर्नल हितेश लव के मामले पर उन्होंने अपनी बात रखने की कोशिश की। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। कार्य परिषद की बैठकों में एजेंडा और मिनट्स का पता ही नहीं चलता। किसी भी चीज पर कन्फर्मेशन के लिए फोर्स किया जाता है।

गोलमोल तरीके से कर्नल की समीक्षा

प्रो। सीएल खेलपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि भारतीय सेना में इतने लम्बे समय तक अनुभव रखने वाले अफसर के साथ ऐसा बर्ताव किया जाएगा। उन्होंने देश कि किसी भी यूनिवर्सिटी में पहले ऐसा नहीं हुआ कि रजिस्ट्रार के काम की समीक्षा इतनी अल्प अवधि में की जाए।

जांच कमेटी की मंजूरी नहीं

जो जांच कमेटी बनाई गई। उसकी मंजूरी भी कार्य परिषद से नहीं ली गई। प्रो। खेत्रपाल ने रविवार को हुई कार्य परिषद की बैठक को ही अवैध बताया। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने एक पत्र भी वीसी को बैठक में दिया। इसपर रेक्टर नॉमिनी प्रो। केबी पांडेय और एक अन्य सदस्य प्रो। आरआर तिवारी के हस्ताक्षर हैं।

इविवि के कुलपति भी रह चुके हैं

गौरतलब है कि प्रो। सीएल खेत्रपाल वर्ष 1998 से 2000 तक इविवि के कुलपति रह चुके हैं। वे सेंटर ऑफ बॉयोमेडिकल मैगनेटिक रेसोनेंस, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस रायबरेली रोड, लखनऊ के फाउंडर डायरेक्टर भी हैं। 81 वर्षीय प्रो। खेत्रपाल का कार्य परिषद में यह लगातार दूसरा टर्म है। उन्हें इस बैठक में शामिल होते हुए लगभग साढ़े पांच साल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे इविवि के छात्र भी रहे हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय को बचाने के लिए कुछ भी करेंगे।

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निर्णायक लड़ाई लड़ेगी एबीवीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विवि के अतिथि गृह में चल रहे शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार का घेराव किया और मुख्य द्वार पर कुलपति हांगलू का पुतला दहन किया। राष्ट्रीय मंत्री रोहित मिश्रा ने कहा कि जिस प्रकार से नियमों का उल्लंघन कर भर्तियां की जा रही हैं, वह असंवैधानिक है। आनन्द सिंह निक्कू ने कहा कि कुलसचिव को केवल इसीलिए हटाया गया ताकि भर्तियों में धनउगाही की जा सके। पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि यदि तत्काल चयन समितियों को नहीं रोका गया तो हम इसके विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे। छात्रसंघ भवन पर क्रमिक अनशन सोमवार को भी जारी रहा। इस दौरान वीरेन्द्र चौहान, नवीन मिश्रा, सौमित्र द्विवेदी, सूरज तिवारी, शशांक प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।