CHANDIL: केरल की तर्ज पर चांडिल डैम को विश्वस्तरीय इको टूरिज्म केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यह काम केरल के पर्यटन विशेषज्ञों की टीम की मदद से किया जाएगा। यह जानकारी सीएम रघुवर दास ने दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम और राज्य सरकार की ओर से इसका विकास किया जाएगा। सीएम मंगलवार को वरीय अधिकारियों के साथ चांडिल डैम का निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने कहा कि यहां पर्यटन विकास की संभावनाओं का अध्ययन करने आए हैं। इस दौरान सीएम ने क्षेत्र के सांसद, विधायक, राज्य की मुख्य सचिव, पर्यटन सचिव एवं वन विभाग के सचिव के साथ चांडिल डैम के सौंदर्यीकरण एवं विकास का खाका तैयार किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन का विकास होने से आसपास के गांव के विस्थापित किसानों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। विदेशी पर्यटकों के आने से विदेशी मुद्रा भी मिलेगी। सीएम ने कहा कि केरल के एक्सपर्ट को लाकर चांडिल डैम को अगले दो साल में वैश्विक स्तर का टूरिस्ट प्लेस बनाया जाएगा। साथ ही एनएच-फ्फ् से सड़क का चौड़ीकरण एवं स्ट्रीट लाइट के अलावा सभी पेड़ों में ग्रीन कलर की लाइट लगेगी जो आकर्षण का केंद्र बनेगा। बनेगा वुड का होटल सीएम ने कहा कि इस इलाके के लोग बहुत अच्छे हैं। हर किसी को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सीएम ने आगे कहा कि बोरोबिंदा टापू में राजा विक्रमादित्य का स्टेच्यू लगेगा। इसे पिकनिक स्टॉप की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा। चार-पांच पिकनिक स्पॉट भी बनाए जाएंगे। साथ ही ब्0-भ्0 सीटों वाली मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस बोट की भी व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने कहा कि पर्यटकों के ठहरने के लिए इस इलाके में विश्वस्तरीय वुड का होटल भी बनाया जाएगा। डीसी से हुए नाराज डैम के पास जाहेरथान का निर्माण फंड आने के बावजूद नहीं बनने पर नाराज सीएम ने सरायकेला डीसी छवि रंजन से इसके निर्माण नहीं होने की वजह जाननी चाहिए। डीसी ने जब इसे अपने कार्यकाल से पहले का मामला बताया तो सीएम नाराज हो गए। उन्होंने ऊंची आवाज में डीसी को डांटते हुए कहा कि बात व्यक्ति की नहीं है, बात विभाग की है। इसका मतलब आप विभाग का रिव्यू नहीं करते हैं। इससे काम नहीं चलेगा। सीएम ने नौका विहार करते हुए दूर तक अवलोकन किया। इस दौरान सांसद रामटहल चौधरी, विधायक साधु चरण महतो भी मौजूद थे। मछली पालन से विस्थापितों को लाभ सीएम रघुवर दास ने कहा कि क्षेत्र के विस्थापित लोगों के लिए मत्स्य पालन काफी लाभदायक साबित हो रहा है। लोग मछली उत्पादन में साराहनीय काम कर रहे हैं। हमारे यहां के किसान द्वारा उत्पादित मछली पहले झारखंड की आवश्यकता को पूरा करेगी। बाद में ओडि़शा, पश्चिम बंगाल एवं बिहार की मांगों को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के सचिव को आदेश दिया गया है कि बाजार की मांग के अनुकूल खेती हो और उस मांग के आधार पर मछली का उत्पादन करें, ताकि बाजार सुलभ हो और विस्थापितों को अच्छी कीमत मिले। सीएम ने कहा कि यहां के लोगों का जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए इको टूरिज्म के विकास में किसी तरह की समस्या नहीं है।