JAMSHEDPUR: गैंगस्टर अखिलेश सिंह के पिता चंद्रगुप्त सिंह पर फाय¨रग की घटना के बाद शहर में गैंगवार की पृष्ठभूमि तैयार हो गई है। अगर फाय¨रग करने वाले गाहे-बगाहे पुलिस की गिरफ्त में आ गए तो ठीक नहीं, तो अखिलेश सिंह गैंग ने बदले के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। किसने घटना को अंजाम दिया इसकी जानकारी गैंगस्टर और उसे सहयोगियों को मिल चुकी है। वहीं पुलिस ने अखिलेश सिंह गिरोह के विरोधी गुट पर निगाह तान दी है। विरोधी गुट से जुडे़ सदस्यों के घर पर पुलिस की दबिश जारी है। मानगो, बागबेड़ा, बिरसानगर और अन्य इलाके में छापेमारी कर आधा दर्जन दागियों को हिरासत में लिया है। इनमें एक ट्रांसपोर्टर भी शामिल है। सभी को एमजीएम थाना में रखा गया है। बुधवार देर रात सिटी एसपी प्रशांत आनंद समेत अन्य अधिकारी एमजीएम थाना में डटे रहे। पुलिस का दावा है कि अगले ब्8 घंटे के भीतर फाय¨रग के मामले में पुलिस कुछ रिजल्ट दे सकती है जो सूचना पुलिस को मिल रही है उस अनुसार कार्रवाई हो रही है।

खंगाल रहे सीसीटीवी फुटेज

चंद्रगुप्त सिंह द्वारा पुलिस को उपलब्ध कराई गई सीसीटीवी फुटेज को अधिकारी खंगाल रहे है। एसएसपी अनूप टी मैथ्यू की माने तो फुटेज धुंधला है इसे बारीकी से देखा जा रहा है। सूत्रों की माने तो चंद्रगुप्त सिंह के आवास के सामने फाय¨रग करने वालों को कुछ लोग पहचान रहे है, लेकिन इसकी जानकारी पुलिस को नही दी जा रही है। वहीं पुलिस की निगाह परमजीत सिंह गिरोह से जुड़े हरपाल सिंह हीरे, सरबजीत सिंह छब्बू, राजेश, कार्तिक मुंडा समेत बिहार के अपराधियों पर भी निगाह है।

कैदियों से पूछताछ

चंद्रगुप्त सिंह पर फाय¨रग की घटना में शामिल अपराधियों की शिनाख्त को बुधवार को पुलिस टीम घाघीडीह सेंट्रल जेल पहुंची। परमजीत सिंह गिरोह से जुड़े बंदियों से पूछताछ की गई। अमरनाथ सिंह के सहयोगी रंजीत सरदार से पुलिस टीम ने जानकारी ली। रंजीत और सरबजीत सिंह छब्बू ने अखिलेश सिंह पर न्यायालय परिसर में ख्ब् मई ख्0क्ब् को फाय¨रग का प्रयास किया था।

वर्चस्व की लड़ाई

अखिलेश सिंह ने कभी विरोधियों को पनपने नही दिया। पुलिस भी मानती रही है कि परमजीत सिंह और अखिलेश सिंह गैंग की रंजिश में कई लोग मारे जा चुके है और गिरोह में वर्चस्व को लेकर फाय¨रग की घटना होती रही है। वर्चस्व की लड़ाई में फ्0 नवंबर ख्0क्म् को न्यायालय परिसर में उपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके पूर्व भी उपेद्र सिंह पर फाय¨रग की गई थी। उपेंद्र सिंह के सहयोगी सोनारी निवासी अमित राय की हत्या म् दिसंबर ख्0क्म् को सोनारी आवास के सामने कर दी गई थी। इसके पहले प्रतिद्वंदी गिरोह के परमजीत सिंह की घाघीडीह सेंट्रल जेल में ख्0 मार्च ख्008 को जेल परिसर में कर दी गई थी।