बेंगलुरू (पीटीआई)। भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन (इसरो) ने ट्वीट करके कहा है कि चंद्रयान-2 की लांचिंग अब 22 जुलाई को होगी। किसी तकनीकी कमी की वजह से इसकी लांचिंग 15 जुलाई को करीब 56 मिनट पहले स्थगित कर दी गई थी। अब तक का सबसे शक्तिशाली लांचर जीएसएलवी-मार्क-III मून मिशन को अंजाम देगा। इसीलिए इस प्रक्षेपण यान को बाहुबली कहा जा रहा है। इसरो के वैज्ञानिकों ने 976 करोड़ रुपये के इस मून मिशन की अचानक आई किसी खामी का आंकलन करने के लिए इसकी लांचिंग रोक दी थी।

मून मिशन के लक्ष्य
चंद्रयान-2 के तीन अंग हैं। इसके तहत एक ऑबिटर लांच किया जाएगा जो चांद की कक्षा में चक्कर लगाएगा और उसके सतह की जानकारी हासिल करेगा। इसका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। इसमें 8 पेलोड लगाए गए हैं, जो आंकड़े एकत्र करके पृथ्वी पर भेजेंगे। दूसरे हिस्से में लैंडर विक्रम है, जिसमें 3 पेलोड फिट किए गए हैं। इसका कार्यकाल एक चंद्र दिवस यानी 14 दिनों का होगा। विक्रम के अंदर से रोवर प्रज्ञान निकल कर चांद की सतह पर उतरेगा। इसमें 2 पेलोड फिट किया गया है। प्रज्ञान का कार्यकाल भी एक चंद्र दिवस का होगा। यह 500 मीटर की दूरी तक चल सकेगा और चांद की मिट्टी तथा सतह की अन्य जानकारियां मून मिशन के वैज्ञानिकों तक भेजेगा।

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