लुनार मिशन को ऐसे लॉन्च किया जायेगा

इसरो ने 2018 की पहली तिमाही में चंद्रयान-2 मिशन के शुभारंभ करने का फैसला किया है। भारत इस मिशन के जरिये पहला ऐसा देश होगा जो पिछले चार वर्षों बाद चन्द्रमा पर अपना कदम रखेगा। बता दें कि इस मिशन को चंद्रमा की सतह जांच और उसे बेहतर से समझने के उद्देश्य से निर्धारित किया गया है।  इस मिशन को लॉन्च करने के लिए जिओसिंक्रोनस सेटेलाइट लॉन्च वाहन(GSLV एमके II) का इस्तमाल किया जायेगा, जिसमें भारत में निर्मित एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर भी शामिल होंगे।

मिशन से काफी उम्मीदें हैं

इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 के तहत लैंडर चंद्रमा के एक विशिष्ट जगह पर रोवर को तैनात करेगा, जिससे चंद्रमा की सतह पर मौजूद खनिज के साथ सतह की भी पूरी जानकारी हासिल की जा सकेगी। उनके मुताबिक, यह मिशन अक्टूबर 2008 में लॉन्च किये गए मिशन चंद्रयान-1 से बिलकुल विपरीत होगा, क्योंकि उसमें अंतरिक्ष यान का वजन बहुत कम था।

चाइना ने महीने भर किया था शोध

बता दें कि 2013 में चाइना का मानव रहित 'युटो' रोवर ने करीब एक महीने तक इस ग्रह पर चलने का प्रयास किया था।

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