हार्ड हो जाएगा एंट्रेंस

आईआईटी के एंटे्रंस एग्जाम में तब्दीली होने से एक बार फिर आईआईटी में प्रवेश पाना कठिन हो जाएगा। पटना आईआईटी के अनुसार शीर्ष आईआईटी द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसके अनुसार नया पैटर्न ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों पर आधारित होगा, जिस कारण स्टूडेंट्स के लिए आईआईटी निकालना और भी कठिन हो जाएगा।

नहीं रहेंगे कोई ऑप्शन

आईआईटी द्वारा लिए जाने वाले एडवांस एग्जाम के ऑब्जेक्टिव पैटर्न को नेक्स्ट ईयर से चेंज करने की उम्मीद है। प्रस्तावित पैटर्न में मल्टी च्वाइस के स्थान पर क्वेश्चन को पूरा सॉल्व कर दिखाना पड़ेगा। इस प्रकार यह एग्जाम बदलकर सब्जेक्टिव हो जाएगा। एग्जाम में उत्तर देने का तरीका क्वेश्चन या उसके बाद खाली स्थान का हो सकता है। इसके साथ ही अधूरे प्रश्न को भी पूरा करने को कहा जाएगा। आंसर करने के लिए कोई ऑप्शन नहीं दिए जाएंगे।

30 साल पहले भी था यही पैटर्न

आईआईटी के एक प्रोफेसर ने बताया कि 30 साल पहले आईआईटी के एंट्रेंस में सब्जेक्टिव क्वेश्चन को सॉल्व करना होता था। देखा जाता है कि ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस होने से स्टूडेंट्स फॉमूला के आधार पर सही आंसर का चयन आसानी से कर लेते हैं, पर वह आंसर किस तरह से आया और क्यंू आया, इसका सही कांसेप्ट नहीं मिल पाता है। सब्जेक्टिव क्वेश्चंस होने से स्टूडेंट्स कांसेप्ट क्लीयर होने के बाद ही सही आंसर कर पाएंगे।

पहले सिर्फ पीटी एग्जाम

पिछले साल तक आईआईटी द्वारा आईआईटी ज्वाइंट एंटे्रंस एग्जाम आयोजित किया जाता था। इसके जरिए सीधे आईआईटी की तमाम सीटों के लिए चयन हो जाता था। ऑब्जेक्टिव पैटर्न वाले इस एग्जाम का आयोजन कई सालों से किया जा रहा है। इस संबंध में मैथ के टीचर राजेश प्रकाश ने बताया कि पहले पीटी और मेंस होता था, पर 2007 से 2012 तक लगातार सिर्फ पीटी ही हो रहा है, जिससे क्वालिटी में थोड़ा चेंज आया है, इस कारण अब क्रीम आईआईटीयंस नहीं निकल पा रहे हैं।

आईआईटी में जाने के बाद आ रही प्रॉब्लम

आईआईटी पटना के एक प्रोफेसर के अनुसार स्टूडेंट्स ऑब्जेक्टिव आंसर करके आईआईटी में प्रवेश तो कर जाते हैं, पर उनका कई चीजों में कांसेप्ट क्लीयर नहीं हो पाता है। ऐसे में क्लास रूम में सब्जेक्टिव नॉलेज कम होने से कई तरह की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। यह हाल आईआईटी में टॉपर्स स्टूडेंट्स के साथ भी होता है।

स्टूडेंट्स के लेवल में कमी आई है। एग्जाम को फिर से सब्जेक्टिव पैटर्न में लाने का प्रयास किया जा रहा है। एक प्रस्ताव तो तैयार किया गया है। उम्मीद है कि नेक्स्ट ईयर से यह लागू भी हो जाए। सब्जेक्टिव क्वेश्चंस से स्टूडेंट्स में क्वालिटी आएगी।

भौमिक, डायरेक्टर, आईआईटी पटना

ऐसे आया है चेंजेज

2001 से 2002 तक

पीटी  - दिसंबर में

मेन   - जून में

2003 से 2006 तक

पीटी   - अप्रैल में

मेन   -  मई में

2007 से 2012 तक

एक एग्जाम होने लगा। आईआईटी जेईई नाम से इस एग्जाम में केवल आब्जेक्टिव क्वेश्चंस ही पूछे जाने लगे।

2013 में

जेईई मेंस  - अप्रैल में

जेईई एडवांस  - जून में

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