कैम्पेन में यूज होने वाले मेटेरियल का मार्केट अब तक स्लो

पार्लियामेंट्री इलेक्शन का पारा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। नोमिनेशन फाइल करने का दौर स्टार्ट हो चुका है। जमशेदपुर लोकसभा सीट के लिए झारखंड विकास मोर्चा के कंडिडेट डॉ अजय कुमार ने नोमिनेशन फाइल भी कर दिया है। सैटरडे को बीजेपी केंडिडेट विद्युत वरण महतो ने भी नोमिनेशन पेपर खरीद लिया। अब तो इलेक्शन कैम्पेन का दौर भी स्टार्ट हो गया है, लेकिन कैम्पेन में यूज होने वाले मेटेरियल का मार्केट अब तक स्लो ही है। फिलहाल इसकी वजह केंडिडेट्स का डोर-टू-डोर कैंपेनिंग पर जोर देना है।

सख्ती का दिख रहा असर
इलेक्शन मेटेरियल मार्केट में छायी उदासी को इलेक्शन कमीशन से जोडक़र देखा जा रहा है। इस बार इलेक्शन कमीशन ने पॉलिटिकल पार्टीज की नकेल कुछ ज्यादा ही कस रखी है। यह अलग बात है कि कोड ऑफ कंडक्ट के वायलेशन का कोई मामला सिटी में सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ मामलों में इंक्वायरी तो चल ही रही है। ऐसे में कोई भी पॉलिटिकल पार्टी रिस्क लेने के मूड में नहीं है।

कोलकाता और दिल्ली से सस्ते में मिल जाता है सामान
कुछ दुकानदारों ने बताया कि पॉलिटिकल पार्टीज के लोग कोलकाता, दिल्ली या रांची से इलेक्शन कैंपेन का सामान मंगवाते हैं। वहां ये सारे सामान सस्ते रेट पर मिल जाते हैं। सिटी में ज्यादातर फ्लैक्स व बैनर का ही कारोबार होता है। झंडा व दूसरे सामान बाहर से ही लाए जाते हैं।

बेहतर बिजनेस की थी उम्मीद
सिटी में कुछ प्लेसेज पर पॉलिटिकल पार्टीज के लिए फ्लैक्स व बैनर बनाने का काम होता है, लेकिन इनके पास अभी तक सिंगल ऑर्डर भी नहीं पहुंचा है। शॉप ओनर्स का कहना है कि लास्ट इलेक्शन में अब तक उनके पास काफी ऑर्डर थे और बिजनेस भी बेहतर था। इस बार जमशेदपुर में भाजपा व झाविमो के बीच जोरदार टक्कर होने के आसार हैं। इस कारण शॉप ओनर्स को बेहतर बिजनेस की उम्मीद थी, लेकिन अब तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।

Door to door campaign पर ध्यान दे रहे candidates
अभी स्थिति यह है कि इलेक्शन के दौरान पॉलिटिकल उम्मीदवार डोर-टू-डोर कैम्पेन कर रहे हैं। इसमें बहुत ज्यादा कैम्पेन मैटेरियल की जरूरत नहीं होती है। इस कारण भी ऑर्डर नहीं मिल पा रहे हैं या पॉलिटिकल पार्टीज इन सब पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही हैं।

Social networking sites और apps की भी ले रहे help
इसके अलावा एफएम रेडियो, व दूसरे प्रचार माध्यम का यूज किया जा रहा है। पॉलिटिकल पार्टीज द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भी हेल्प कैम्पैनिंग के लिए लिए जा रही है। ज्यादा से ज्यादा यूथ व टेक्नोसेवी एजुकेटेड लोगों के लिए कई तरह के एप्प्स भी आ चुके हैं। इन सबके कारण ट्रेडिशनल कैम्पेन मार्केट पर असर पड़ा है।

इलेक्शन कमीशन की सख्ती के कारण इस बार बिजनेस चौपट है। अभी तक कोई ऑर्डर नहीं मिला है। लास्ट इलेक्शन में बेहतर बिजनेस हुआ था। इस बार खाता भी नहीं खुला है। हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में थोड़ा-बहुत ऑर्डर मिले, लेकिन उससे भी कोई खास उम्मीद नहीं की जा सकती।
-मो नौशाद, ओनर, नौशाद आर्ट, साकची

हमारा आदित्यपुर व साकची में ऑफिस है। इलेक्शन से संबंधित ऑर्डर साकची में मिलता है, लेकिन इस बार ऑर्डर पहले जैसा बेहतर नहीं है। कई बार पॉलटिकल पार्टीज के काम में पैसा डूबने का भी खतरा होता है। इस कारण भी हम उस ओर ध्यान नहीं देते हैं।
-धीरज, यूनाइटेड आर्ट प्रेस, आदित्यपुर

Report by : goutam.ojha@inext.co.in