रंगों के पर्व पर दिखा शहर में सदभावना का रंग

होली के पर्व को देखते हुए धर्मगुरुओं ने नमाजियों से की अपील

जुमे की नमाज के लिए डेढ़ बजे ही मस्जिदों में पहुंचे

Meerut। शहर के माहौल को बदरंग होने से बचाने के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नई पहल की है। शुक्रवार को शहरभर में होली खेली जाएगी, लिहाजा जुमे की नमाज का वक्त बदला गया है। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने नमाजियों से अपील की है कि वे मस्जिदों में दोपहर डेढ़ बजे ही पहुंचें। इससे पहले घर से न निकले। होली पर अगर कोई धोखे से रंग डाल भी दे तो उसे अनदेखा करें। शहर के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास न करे।

कल खेली जाएगी होली

बीते दिनों एक मामले में शहर में सांप्रदायिक टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। गुरुवार को होलिका दहन के बाद शुक्रवार को होली खेली जाएगी। वहीं, शुक्रवार को जुमे की नमाज भी है। कई मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र शास्त्री नगर, गोलाबढ़, रेलवे रोड, कोतवाली, गोलाकुआं, हापुड़ अड्डा, लालकुर्ती, सोहराबगेट, ईदगाह, घंटाघर समेत सभी धार्मिक स्थलों के बाहर ज्यादा भीड़ होती है।

ये की जा रही अपील

शहर की जामा मस्जिद समेत 40 से ज्यादा मस्जिदों से कराया जा रहा ऐलान

शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए

1.30 बजे ही मस्जिद में आएं।

अफवाहों पर ध्यान न दें और घर पर ही रहें

अगर कोई धोखे से रंग डाल दे तो उसकी अनदेखी करें।

शहर में शांति का माहौल बनाने के लिए जिले की सभी मस्जिदों में मुस्लिम लोगों से अपील की जा रही है कि वह शुक्रवार को दोपहर 1.30 मिनट पर ही नमाज के लिए मस्जिद में आए।

जैनुल राशीद्दीन

नायब शहर काजी

शुक्रवार को होली का पर्व भी है जुमे की नमाज भी है। परतापुर थाना क्षेत्र के भूड़बराल समेत कई मस्जिदों में ऐलान करा दिया गया है कि होली के दिन सभी लोग अपने घरों में रहे। नमाज के लिए मस्जिदों में डेढ़ बजे पहुंच जाए।

बिलाल अहमद, भूड़बराल

जुमे की नमाज को लेकर अपील की जा रही है कि डेढ़ बजे तक ही नमाजी मस्जिदों में पहुंचे। भूमिया के पुल व लिसाड़ी गेट में लगातार दोनों संप्रदायों के लोगों के साथ बैठक की जा रही है।

कौसर नदीम, लिसाड़ी गेट

सभी मुस्लिम लोगों से अपील की जा रही है कि वह दोपहर डेढ़ बजे तक नमाज के लिए धार्मिक स्थल तक पहुंचे।

हसीन सैफी, सैफी समाज एसोसिएशन

भावनपुर क्षेत्र भी मिश्रित आबादी का क्षेत्र है। यहां पर भी नमाजियों से अपील की जा रही है कि वह दोपहर डेढ़ बजे तक मस्जिद में नमाज के लिए पहुंचे।

बाबू खान, अब्दुलापुर