- चारबाग बस अड्डे से लेकर रवींद्रायल तक नहीं है गाड़ी खड़ी करने के आदेश

- इसके बाद भी रोड के दोनों तरफ खड़ी रहती है गाडि़यां

- दिनभर लगा रहता है जाम, पब्लिक हो रही परेशान

LUCKNOW: सौ मीटर की दूरी और तीन सौ से अधिक बाधाएं। ऐसे में जाम लगना तो तय है। भले ही जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों ने इस जाम से निजात दिलाने के लिए नियम बना रखे हों, लेकिन इनकी परवाह किसे है। हाल यह कि दो से तीन मिनट में पार हो जाने वाले इस रास्ते को पार करने में इस समय आधे घंटे से अधिक का समय लग रहा है। दिन हो या रात, हर समय इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव बना रहता है। यह रास्ता कहीं और का नहीं बल्कि चारबाग स्टेशन के सामने वाली सड़क है। भले ही आप कितने कुशल ड्राइवर हो लेकिन इस रोड पर कोई भी कलाकारी काम नहीं आएगी। यहां से यदि आप फर्राटे के साथ निकल गए तो यह आपकी खुशकिस्मती है। आइये देखते हैं इस सौ मीटर की सड़क पर आने वाली बाधाओं को जिनसे प्रशासन निपट नहीं पा रहा है।

चलने के लिए बची है आधी सड़क

सबसे पहले तो यह बता दे कि इस रोड पर मेट्रो चलाए जाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में बीच सड़क के दोनों तरफ बैरीकेटिंग की जा चुकी है। इसके चलते दोनों ओर की आधी-आधी सड़क पहले ही चलने के लिए नहीं बची है। बची हुई सड़क पर चलने के लिए लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

फुटपाथ पर सिटी बस अड्डा

रवींद्रालय भवन के ठीक सामने चारबाग रेलवे स्टेशन जाने के लिए रास्ता है। इस रास्ते से चंद कदम पहले चारबाग से बस अडडे के लिए जाने वाली रोड के फुटपाथ पर सिटी बस प्रशासन ने अपना ऑफिस बना रखा है। इस ऑफिस के सामने मेन रोड पर ही हर समय आठ से दस बसें रोड पर ही खड़ी रहती है। इसके चलते केकेसी की तरफ से चारबाग की तरफ आने वाली गाडि़यां यहां पर फंस जाती है। यहां खड़ी बसों के बगल में ही दिन भर ऑटो चालक खड़े रहते हैं।

होटल के कस्टमर रोड पर

इस बस अडडे से चंद कदम की दूरी पर रोड पर ही एक पुलिस चौकी मौजूद है। यहां पर दिन भर जमावड़ा लगा रहता है। यहां से दो कदम आगे बढ़ने पर ही फुटपाथ पर लाइन से होटल, बुक स्टॉल, फल, चश्में और कपड़ों की दुकानें खुली हुई हैं। मामला सिर्फ यहीं खत्म नहीं होता है। इसके आगे बढ़ने पर जहां से एनईआर स्टेशन शुरू होता है, वहां पर तो और भी परेशानी शुरू हो जाती है। यहां पर एनईआर स्टेशन से निकलने के लिए रोड की तरफ एक रास्ता बनाया गया है। ऐसे में यहां पर पैसेंजर्स को पकड़ने के लिए ऑटो चालक रोड पर ही खड़े हो जाते है। ऐसे में यहां पर भी दिन भर जाम लगा रहता है।

यूपी रोडवेज जाम की वजह

इस जगह से थोड़ा आगे बढ़ने पर चारबाग बस अड्डा शुरू हो जाता है। यहां पर यूपी रोडवेज की बसें सड़क पर खड़ी देखी जा सकती हैं। चारबाग बस अड्डे के बाहर भी ऑटों खड़े रहते हैं। इसके अलावा यहां भी अतिक्रमण फैला हुआ है। बस अडडे से निकल कर रविन्द्रायल की तरफ बढ़ने पर बीच सड़क पर ही चौकी मौजूद हैं जिसके इर्द गिर्द वाहन जमा रहते हैं। इसके बाद शुरू होने वाली दुकानों रोड तक फैली हुई है। फुट ओवर ब्रिज के नीचे का हाल तो ऐसा है कि खासी जगह होने के बाद गाडि़यां इस तरह से खड़ी रहती है कि रोड से निकलना आसान नहीं होता है। लोगों ने बताया कि रेलवे स्टेशन होने के कारण रोजाना भ्0 हजार लोगों का इस रोड से आना जाना होता है।

यहां तो अतिक्रमण हाल यह है बसों को बस अड्डे निकलना ही मुश्किल हैं। इसके चलते मैंने कैम्प कार्यालय की एक गुमटी बस अडडे से सटी बाउंड्री के बाहर लगवाई।

प्रशांत दीक्षित

एआरएम

चारबाग बस अडडे सामने बीच सड़क पर ट्रैफिक पुलिस और रोडवेज का बोर्ड लिखा हुआ है जिस पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि यहां पर गाडि़यां खड़ी कर पैसेंजर्स नहीं भरे जाएंगे। रविन्द्रालय से लेकर चारबाग बस अड्डे के बीच कोई वाहन खड़ा नहीं किया जाएगा।

चारबाग के एक खास एरिये में गाडि़यां खड़ी करने के लिए मना कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने भी यह आदेश जारी कर दिया है। यहां पर ऑटो संचालक पैसेजंर्स ले रहे है तो उसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। जो भी वहां मिल जाएगा, उसके विरुद्ध जुर्माना किया जाएगा।

सगीर अहमद

आरटीओ