इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ रोहित कुमार मिश्रा की मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच करेगी टीम

कुलपति प्रो। आरएल हांगलू सर्टिफिकेट की सत्यता की जांच के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से जांच की मांग की

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रोहित कुमार मिश्रा के रिसर्च में दाखिला फर्जी तरीके से होने की आशंका जताई गई है। कुलपति प्रो। आरएल हांगलू ने आशंका जताई है कि गलत तरीके से विकलांगता का मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर रोहित ने रिसर्च में दाखिला लिया है। इसीलिए पूरे सर्टिफिकेट की सत्यता को जांचने के लिए कुलपति के निर्देश पर एक कमेटी का गठन किया गया है। यह जानकारी रविवार को विवि के गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में खुद कुलपति प्रो। हांगलू ने दी। प्रो। हांगलू ने बताया कि विवि प्रशासन अपने स्तर से मामले की जांच कर रहा है। जांच में कौन-कौन से अधिकारी शामिल है इसका खुलासा नहीं किया जाएगा। क्योंकि अराजकता के माहौल में किसी का भी नाम बताना सही नहीं होगा। प्रो। हांगलू ने बताया कि रोहित कुमार मिश्रा ने दाखिले के समय प्रतापगढ़ के सीएमओ द्वारा जारी सर्टिफिकेट लगाया था। जिसको रद करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पत्र भेजा जाएगा। प्रो। हांगलू ने बताया कि काउंसिल से मांग की जाएगी कि उनके मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच कर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई जाए। वार्ता में रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ला, चीफ प्रॉक्टर प्रो। राम सेवक दुबे व प्रो। शशिकांत राय भी मौजूद रहे।

छात्रसंघ चुनाव के समय भी उठा था यह मामला

बता दें कि रविवार को हुई पत्रकार वार्ता में कुलपति ने पत्रकारों को छात्रसंघ अध्यक्ष के प्रवेश के बारे में जो जानकारी दी। यह कोई नया मामला नहीं है। करेंट एकेडमिक सेशन 2016-17 के छात्रसंघ चुनाव के दौरान भी यह प्रकरण जोरशोर से उठा था। लेकिन तब डीएसडब्ल्यू से कंपलेन के बाद भी विवि प्रशासन ने कोई कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था। तब रोहित कुमार मिश्रा ने छात्रसंघ भवन की प्राचीर से दक्षता भाषण के दौरान डंके की चोट पर अपने एडमिशन के बारे में कई गंभीर बातें कहीं थी। लेकिन प्रशासन ने इसे भी अनसुना कर दिया। वहीं अब जब रोहित को लगातार आन्दोलन के चलते निलंबित किया जा चुका है। वे इस समय जेल में भी हैं और छात्रसंघ का कार्यकाल भी खत्म होने के करीब है। तब प्रवेश का यह प्रकरण फिर से हाईलाइट हो रहा है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह के रिसर्च में प्रवेश को भी कुलपति फर्जी बता चुके हैं। लेकिन ऋचा के कुर्सी से हटने के बाद यह प्रकरण भी खामोश हो गया।

समर हॉस्टल के लिए आए 192 एप्लीकेशन

हॉस्टलों में वॉश आउट से पहले समर हॉस्टल के लिए 192 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। इसमें 170 छात्र-छात्राएं शोधार्थी हैं तो 22 छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले और दिव्यागंजन शामिल हैं। यह जानकारी गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में डीएसडब्ल्यू प्रो। आरकेपी सिंह ने दी। प्रो। सिंह ने बताया कि आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग का काम चल रहा है। 16 मई को आवेदकों को शार्ट लिस्ट करने के बाद समर हॉस्टल आवंटित कर दिया जाएगा। प्रो। सिंह ने बताया कि विवि के हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों को एएन झा हॉस्टल, ट्रस्ट के छात्रों के लिए केपीयूसी और महिला हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के लिए कल्पना चावला हॉस्टल को समर हॉस्टल बनाया गया है।

276 ने छोड़ा हॉस्टल

विवि के हॉस्टलों में 20 मई से वॉश आउट की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके लिए हॉस्टलों में रहने वाले सभी छात्रों से 18 मई तक हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया गया है। डीएसडब्लू प्रो। सिंह ने बताया कि कार्रवाई से पहले हॉस्टलों से अब तक 276 छात्रों ने अपना कमरा छोड़ दिया है और उसकी चाबी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंप दी है।

शिक्षक संघ ने मानव संसाधन विकास मंत्री से मुलाकात का मांगा समय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में वॉश आउट के विरोध में अराजकता और विवि प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर को दी जाएगी। इसके लिए विवि शिक्षक संघ ने मंत्री से मिलने का समय मांगा है। संघ के अध्यक्ष प्रो। राम सेवक दुबे ने बताया कि विवि में अराजकता की वजह से छात्रों व शिक्षकों में दहशत है। इसीलिए जावेड़कर से मिलकर विवि शिक्षक संघ, संघटक कॉलेजों के शिक्षक और जांच कमेटी के सदस्य उन्हें पूरी वस्तु स्थिति साक्ष्य के साथ अवगत कराना चाहता है।