परीक्षा छोड़कर लोक सेवा आयोग पहुंचे परीक्षार्थी और अन्य प्रतियोगी छात्र

ALLAHABAD: आयोग की पीसीएस मुख्य परीक्षा का गलत प्रश्नपत्र वितरित किए जाने और परीक्षा का बहिष्कार करने के बाद जीआईसी और केपी इंटर कालेज के परीक्षार्थियों का समूह मेडिकल चौराहा व हनुमान मंदिर चौराहा होते हुए सीधे लोक सेवा आयोग पहुंचा। परीक्षार्थियों का समूह आयोग के गेट नम्बर पांच से अंदर जाकर पूरी परीक्षा को निरस्त करने की मांग को लेकर अध्यक्ष से मिलना चाह रहा था लेकिन जैसे ही परीक्षार्थी गेट के अंदर घुसे। परिसर में मौजूद पुलिस के जवानों ने लाठीचार्ज करके उन्हें खदेड़ दिया। लाठीचार्ज से अफरा-तफरी मच गई। गेट से लेकर आयोग चौराहे तक पुलिस ने परीक्षार्थियों को दौड़ाकर लाठी भांजी।

लगाया जाम, बनाई मानव श्रृंखला

परीक्षार्थियों के ऊपर लाठीचार्ज की जानकारी मिलते ही दूसरे रुट से आ रहे सैकड़ों परीक्षार्थी भी गेट नम्बर पांच पर पहुंच गए। परीक्षार्थी का आक्रोश आयोग प्रशासन के खिलाफ इस कदर था कि अंदर इंट्री नहीं मिलने पर सैकड़ों परीक्षार्थियों ने गेट नम्बर पांच के सामने सड़क पर जाम लगा दिया। वहां पर सिर्फ दस मिनट तक परीक्षार्थियों ने जाम लगाया था उसके बाद समूह आयोग चौराहे पर पहुंच गया। जहां परीक्षार्थियों ने चौराहे के चारों ओर मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन को उग्र किया।

उग्र हुआ विरोध तो बढ़ती गई संख्या

मानव श्रृंखला बनाने के साथ ही आर्य कन्या इंटर कालेज व महिला सेवा सदन इंटर कालेज सहित शहर के अन्य परीक्षा केन्द्रों से भी परीक्षार्थियों का समूह वहां पर पहुंच गया। परीक्षार्थियों ने आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे और पूरी मुख्य परीक्षा को निरस्त करने की मांग करने लगे। मानव श्रृंखला में संख्या बढ़ती गई तो यह मांग जोर पकड़ी गई कि जब तक अध्यक्ष खुद बाहर आकर पूरी परीक्षा निरस्त करने की घोषणा नहीं करेंगे हम सब यहां से नहीं हटेंगे।

उग्र रुख देखकर पुलिस हटी पीछे

मानव श्रृंखला में परीक्षार्थियों की उमड़ी भीड़ को देखकर पुलिस प्रशासन पीछे हट गया। परीक्षार्थी लगातार आयोग प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इतना ही नहीं महिला परीक्षार्थियों ने मानव श्रृंखला में बढ़चढ़कर हिस्सेदारी की। तो मौके पर पहुंचे एसपी ट्रैफिक कुलदीप सिंह खुद ट्रैफिक को डायवर्ट करते रहे। पुलिस प्रशासन आयोग चौराहे के आसपास से हट गया लेकिन परीक्षार्थियों की संख्या जितनी बढ़ती जा रही थी उतना ही अध्यक्ष के इस्तीफे और मुख्य परीक्षा को निरस्त करने की मांग तेज होती जा रही थी।