क्या है इस बार कार्टून में
बताया जा रहा है कि मैगजीन के कवर पेज पर पैगंबर के हाथ में साइन बोर्ड दिखाया गया है. उस साइन बोर्ड पर लिखा है, 'मैं शार्ली हूं.' उसके नीचे लिखा है, 'सबकुछ माफ है.' इसी के साथ मैगजीन के वकील रिचर्ड मल्का ने फ्रेंच रेडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अभी तो यह बताना बहुत जरूरी है कि हम आतंकवादियों के सामने किसी भी हाल में घुटने नहीं टेकेंगे.

शोक के माहौल में कैसे बना फनी कार्टून  
मीडिया से मिली रिपोर्ट्स की मानें तो आतंकी हमले में मारे गए अपने लोगों के दुख, शोक और दर्द के ठीक दो दिन बाद ही शार्ली एब्दो का 25 लोगों का स्टाफ एक बार फिर पूरे जोश के साथ काम में जुट गया. जानकारी है कि मैगजीन का पूरा स्टाफ अगले इश्यू पर काम करते समय भारी पुलिस सुरक्षा बल से घिरा हुआ है. अब इस बार नये इश्यू पर काम करते समय उनके लिए सबसे बड़ा सवाल सिर्फ एक ही था और वह यह था कि वह इस तकलीफ की घड़ी में 'फनी' एलीमेंट्स  को भला किस तरह से पेश करें. बताया जा रहा है कि शार्ली की इस बार कुल 30 लाख प्रतियां पब्लिश की जानी हैं. गौरतलब है कि पहले यह सिर्फ 60 हजार प्रतियां छापता था.

एक नजर बीते हमले पर
यहां बताते चलें कि पिछले ही हफ्ते बुधवार को फ्रांस की सबसे प्रसिद्ध व्यंग्यात्मक मैगजीन शार्ली एब्दो के ऑफिस पर आतंकवादियों ने हमला करके इसके टॉप कार्टूनिस्ट्स को मौत के घाट उतार दिया था. उस समय इस हमले में कुल 12 लोगों की मौत हुई थी. मामला सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुआ था बल्कि आतंकवादियों ने इसके बाद जमकर नारेबाजी भी की थी. उन्होंने नारेबाजी की कि उन्होंने पैंगबर मोहम्मद का बदला ले लिया है. बीते अन्य हमलों की बात करें तो इससे पहले साल 2011 में भी एक मैगजीन के ऑफिस में आगजनी की गई थी.

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