क्या है पूरा मामला
आखिरकार दिन भर के संशय के बाद देर रात मृतक मनीष के चचेरे भाई नरेंद्र की शिकायत पर बहादुरगढ़ के सदर थाने में ही एफआईआर दर्ज कर ली गई. इसको लेकर नरेंद्र ने बताया कि मनीष और उसके साथी संदीप, सुधीर व समसपुर का दीपक, चारों लोग मित्राऊ के ही भूपेश के घर नए साल की पार्टी मनाने गए थे. पार्टी मनाने के बाद करीब आधी रात के बाद वे चारों लोग एक साथ घर के लिए निकल लिए. थोड़ी देर बाद सुधीर ने भूपेश को फोन करके बताया कि उनका रास्ते में रवींद्र उर्फ भोलू के साथ उसके ऑफिस के सामने झगड़ा हो गया है. इसके बाद उन सभी के मोबाइल अचानक बंद हो गए. इसके बाद में उनके परिजन रवींद्र के घर पहुंचे तो वहां पर भी ताला लगा मिला.

पीड़ित पक्ष की पहले से थी रवींद्र से रंजिश  
पूरी घटना को लेकर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित पक्ष की रवींद्र के साथ पहले से रंजिश थी. मार्च 2014 में दीपक ने रवींद्र पर किसी बात को लेकर गोली भी चलाई थी, लेकिन वह बच गया था. इस बात को लेकर यह भी अंदेशा जताया गया है कि चारों की हत्या में रवींद्र के अलावा उसके भाई धर्मेंद्र और गोपाल, राहुल निवासी मित्राऊ व दरियापुर का चोटी भी शामिल है.

छानबीन के बाद पुलिस को मालूम पड़ा गाड़ी का चेसिस नंबर
घटना को लेकर पुलिस ने बारीकी के साथ छानबीन शुरू की तो गाड़ी की चेसिस नंबर के बारे में मालूम पड़ा. जांच करने के बाद दिल्ली के छावला निवासी हरीश के नाम गाड़ी मिली है, लेकिन फिलहाल यह उसके दोस्त मित्राऊ के संदीप के पास थी. मृतकों में दिल्ली के मितराऊ गांव का रहने वाला मनीष (27), सुधीर (35), संदीप (34) और दिल्ली के ही समसपुर का दीपक (17) भी शामिल था. सूत्रों की मानें तो मृतकों में शामिल सोनू का भाई नवीन फिलहाल जेल में है.  उस पर पपरावट गांव के रहने वाले दो लोगों की नजफगढ़ की एक कॉलोनी में हत्या करने का आरोप है. इतना ही नहीं नजफगढ़ के ही एक अन्य बदमाश से भी नवीन के परिवार की रंजिश चल रही है.

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