खाक करने के लिए तैयार हो चुकी थी

लोग चिल्लाते रहे, फायर ब्रिगेड को फोन करते रहे, जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी आयी तब तक आग धधककर तीन सौ शॉप्स को खाक करने के लिए तैयार हो चुकी थी। दस दुकान को जलाने के बाद आग की लपट कोयले की दुकान तक आई और इसके बाद वह आउट ऑफ कंट्रोल हो गई।

पानी के बिना बेबस

आग धधक रही थी लेकिन इस दौरान पानी की एक भी बूंद मार्केट वालों की ओर से नहीं डाला गया क्योंकि पिछले सात दिनों से इस एरिया का मोटर खराब है। इसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है। लिहाजा जो भी शॉपकीपर बकरी मार्केट या न्यू मार्केट में दुकान चलाते हैं वो घर से ही पीने के लिए पानी लेकर आते हैं। शॉपकीपर ने बताया कि कई बार मेयर और डिप्टी मेयर को सूचना दी गयी, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को भी पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ी। कुछेक गाडिय़ों को होटल चाणक्या से पानी लाना पड़ा। बकरी मार्केट और न्यू मार्केट को मिला दिया जाए तो तीन हजार शॉप्स यहां हैं और लाखों की आबादी है।  

करोड़ों का माल राख

तीन घंटे तक आग के तांडव के बीच करोड़ों का माल जलकर राख हो गया। एक भी सामान लोग बाहर नहीं निकाल पाए, आग की लपट बकरी मार्केट से होते हुए न्यू मार्केट तक पहुंच चुकी थी। जीपीओ के सामने गद्दे की कई दुकानें पूरी तरह आग की चपेट में आ गयी। फायर ब्रिगेड की 12 गाडिय़ों ने आग पर काबू तो पाया लेकिन देर इतनी हो चुकी थी कि जब तक आग बुझती कई घरों के सपने जलकर राख हो चुके थे।

नहीं मिल रहा था रास्ता

फायर कमिश्नर क्लेमेंट फ्लोरियन की मानें तो इस मार्केट में आग की लपट तेज इसलिए हुई कि यहां के शॉप्स में वैसे ही सामान थे जो आग को बढ़ाने का काम करते हैं। साथ ही फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को अंदर जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था। मार्केट के अंदर जो भी सामान है वो डेंजरस है। हर दूसरे साल इस तरह की अगलगी होती है। घटना की जानकारी मिलते ही सीएम नीतीश कुमार के साथ डीएम, एसएसपी, सिटी एसपी घटना स्थल पर जमे रहे।

गर्दनीबाग रोड नंबर 15 में उठी आग ने सबको लील लिया

गर्दनीबाग के रोड नंबर 15 में मायूसी छायी है। क्योंकि वहां कई सालों से रहने वाले शंभू और उसके फैमिली मेंबर गुरुवार की रात घर में सोए तो जरूर लेकिन शुक्रवार की सुबह जैसे ही लोगों की नींद खुली तो पांचों आग की भेंट चढ़ चुके थे। आग की वजह शॉट सर्किट बतायी जा रही है। अंदर से घर बंद था और घर के अंदर का सारा सामान जलकर राख हो गया था। जब तक आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी तब तक काफी देरी हो चुकी थी। औरंगाबाद के रहने वाले शंभू यहां कई महीनों से मां शंकुतला देवी, पत्नी नीता देवी, बेटा विकास कुमार और बेटी निशू के साथ रह रहे थे। आसपास के लोगों ने बताया कि झोपड़ी में उठी आग ने 15 मिनट के अंदर सबको जलाकर राख कर दिया।